दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जाइडस कैडिला की जायकोवी-डी, जानिए क्यों है खास
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh932908

दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जाइडस कैडिला की जायकोवी-डी, जानिए क्यों है खास

जायकोवी-डी, डीएनए आधारित वैक्सीन है, जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड को डाला गया है.

दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है जाइडस कैडिला की जायकोवी-डी, जानिए क्यों है खास

नई दिल्लीः कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक राहत की खबर सामने आई है. दरअसल एक और स्वदेशी वैक्सीन जल्द ही बाजार में आ सकती है. ये वैक्सीन है भारतीय दिग्गज फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की जायकोवी-डी. बता दें कि जायडस कैडिला ने गुरुवार को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल से अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. कंपनी ने तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है और उम्मीद की जा रही है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोवी-डी बाजार में उपलब्ध होगी.

डीएनए आधारित दुनिया की पहली वैक्सीन
जायकोवी-डी, डीएनए आधारित वैक्सीन है, जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड को डाला गया है. जैसे ही यह वैक्सीन लगती है तो शरीर में उस कोड के खिलाफ इम्यूनिटी सक्रिय हो जाती है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद यह भारत की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है. जायकोवी-डी तीन डोज वाली वैक्सीन है, जिसकी पहली डोज लेने के 28वें दिन दूसरी और 56वें दिन तीसरी डोज लेनी होगी. खास बात ये है कि इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए 2-8 डिग्री का तापमान पर्याप्त है. 

दावा- डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर
जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक शार्विल पटेल ने दावा किया कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 66 फीसदी से ज्यादा कारगर है. कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि तीसरे चरण का ट्रायल 28 हजार लोगों पर किया गया है, जिनमें 12-18 साल के 1000 बच्चे भी शामिल हैं. कंपनी 4-6 सप्ताह में ट्रायल का डाटा सरकार को उपलब्ध करा देगी. 

बता दें कि अगर डीसीजीआई की तरफ से जायडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी दे दी जाती है तो फिर भारत में उपलब्ध वैक्सीन की संख्या 5 हो जाएगी. बता दें कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन का इस्तेमाल देश में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. वहीं रूस की वैक्सीन स्पुतनिक की डोज भी लग रही हैं. बीते दिनों सरकार ने मॉडर्ना की वैक्सीन को आयात की मंजूरी दी थी और अब जायकोवी-डी के आने से देश में कोरोना वैक्सीन की कमी दूर होने की उम्मीद है. जायडस का कहना है कि वह हर माह एक करोड़ डोज के उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं. 

Trending news