कॉमेडियन Munawar Faruqui को राहत नहीं, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
Munawar Faruqui Bail: उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इंदौर: हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) को हाई कोर्ट (High Court) से राहत नहीं मिली है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुनव्वर फारुकी और एक अन्य आरोपी नलिन यादव की जमानत याचिकाएं गुरुवार को खारिज कर दीं.
अदालत ने कहा, 'जमानत याचिकाओं को मंजूर नहीं कर सकते'
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद फारूकी (Munawar Faruqui) और नलिन यादव न्यायिक हिरासत के तहत यहां की केंद्रीय जेल में बंद हैं.
उच्च न्यायालय (High Court) की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
एकल पीठ ने गुरुवार को जारी फैसले में फारूकी और यादव की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि अदालत मुकदमे के गुण-दोषों को लेकर संबंधित पक्षों की दलीलों पर टिप्पणी करने से बच रही है. लेकिन मामले में जब्त सामग्री, गवाहों के बयानों और (पुलिस की) जांच जारी होने के चलते फिलहाल जमानत याचिकाओं को मंजूर नहीं कर सकते.
अभद्र टिप्पणियां करने के आरोप में दर्ज हुआ था मामला
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारूकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात को मामला दर्ज कराया था. एकलव्य सिंह गौड़ का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं.
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विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर हुई कई गिरफ्तारियां
चश्मदीदों के मुताबिक, एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारूकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर पांचों लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था. बाद में इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था.