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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अब तक 25 केस दर्ज किए हैं. एफआईआर में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के छह प्रवक्ताओं सहित 37 किसान नेताओं के नाम हैं. इनमें केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने आने वाले 40 में 30 किसान नेताओं के नाम शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav), बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित 20 किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस (Lookout Notic) भेजे गए हैं. उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है. दिल्ली पुलिस गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंची और राकेश टिकैत के टेंट पर लुकआउट नोटिस चिपकाया. नोटिस में उनसे जल्द जवाब देने के लिए कहा गया है.
किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद Zee News ने दिल्ली की सीमाओं को खाली कराने के लिए 'मेरा बॉर्डर खाली करो' मुहिम चलाई है, जिसको लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग जमा हो गए हैं और बॉर्डर इलाके को खाली करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. प्रदर्शन कर रहे लोग, 'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान', 'सिंघु बॉर्डर खाली करो', 'दिल्ली पुलिस संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं' और 'खालिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे हैं.
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दिल्ली के समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के छह प्रवक्ताओं सहित 37 किसान नेताओं के नाम हैं. इसमें में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत कई बड़े किसान नेताओं के नाम शामिल हैं.
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गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने लक्खा सदाना (Lakha Sidhana) और पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पुलिस उपद्रव में दोनों की भूमिका को लेकर जांच कर रही है. हिंसा में दीप सिद्धू और लक्खा सदाना का अहम रोल है और किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान दोनों काफी एक्टिव थे.
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक 25 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं. हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ ICU में भी हैं. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा है कि हिंसा में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कोई किसान नेता भी दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई होगी.
बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
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