Maharashtra Political Crisis: शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे के खेमे में गये महाराष्ट्र के बागी मंत्री '24 घंटे में' अपना पद गंवा देंगे. इससे पहले दिन में, पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शिवसेना अध्यक्ष एवं राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया.


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'उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी'


शाम को एक मराठी समाचार चैनल से राउत ने कहा, 'उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है.' उन्होंने कहा, 'गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, संदीपन भुमरे जैसे मंत्रियों को शिवसेना का वफादार कार्यकर्ता माना जाता था, जिन्हें उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट मंत्री बनाया था... पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया है. उन्होंने गलत रास्ता अपनाया है और वे 24 घंटे में अपना पद गंवा देंगे.'


शिंदे के लिए क्या बोले राउत


विद्रोही खेमे के अन्य मंत्री शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार और बच्चू कडू हैं. कडू, प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं जो शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. राउत ने यह भी दावा किया कि जब शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था और कहा था कि मुख्यमंत्री का पद दोनों दलों के पास बारी-बारी रहेगा, तो ठाकरे के मन में इस शीर्ष पद के लिए शिंदे का नाम था.


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शिवसेना ने कांग्रेस-NCP से क्यों किया गठबंधन?


राज्य में 2019 के चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से रखने के मुद्दे को लेकर दोनों सहयोगियों के बीच गठबंधन टूट गया, जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया. राउत ने यह भी कहा कि आधे विद्रोहियों का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं.


(भाषा इनपुट के साथ)


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