Devendra Fadnavis CM news: मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना. मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा... महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद दो हफ्ते सस्पेंस चला लेकिन आज दोपहर में देवेंद्र फडणवीस के नाम का एलान हो गया. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस की 2019 में कही वो बात लोगों को फिर से याद आ रही है. उनका पुराना वीडियो आज फिर शेयर होने लगा है. तब हालात ऐसे बन गए थे कि सीएम फडणवीस को डिप्टी बनना पड़ा. लेकिन आज वह महाराष्ट्र भाजपा के करिश्माई चेहरे बनकर उभरे हैं. प्रचंड जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका मानी जा रही है और अब वो समंदर फिर से लौट रहा है.



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जी हां, अगले कुछ घंटों में देवेंद्र फडणवीस फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल लेंगे. वह तीसरी बार सीएम बनेंगे. अब तक सीधे तौर पर भाजपा नहीं कह रही थी लेकिन अंदरखाने यह चर्चा जरूर थी कि जब भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है तो सीएम भी उसका होना चाहिए. पिछली बार जब फडणवीस को डिप्टी बनना पड़ा था तब हालात अलग थे. शिवसेना टूटी थी और सियासी दांव के तहत शिंदे सेना को बराबर तवज्जो देना जरूरी था लेकिन इस बार कोई मजबूरी नहीं थी.


2019 में क्या हुआ था


तब भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और नतीजे आने के बाद फडणवीस के फिर से सीएम बनने की पूरी संभावना थी. तैयारी भी शुरू हो गई थी. हालांकि सीएम पोस्ट को लेकर अनबन बढ़ गई. मतभेद बढ़ा तो शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के फॉर्मूले से सरकार बन गई. भाजपा देखती रह गई. उसी समय विधानसभा के विशेष सत्र में फडवणीस ने शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंज कसा था. उसके बाद पांच साल में महाराष्ट्र की सियासत काफी बदल चुकी है.



अब आगे क्या


भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. विधायक दल की बैठक से पहले भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि महायुति के सहयोगी दल बुधवार को दोपहर साढ़े तीन बजे राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए चुनाव में भाजपा ने भारी सफलता हासिल की और राज्य की 288 विधानसभा सीट में से 132 सीट हासिल की, जो राज्य में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. अपने सहयोगियों - एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ, भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति के पास 230 सीट का भारी बहुमत है.


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महाराष्ट्र में भाजपा की जीत का सेहरा


27 साल की उम्र में नागपुर के सबसे युवा मेयर बने फडणवीस कम उम्र में ही संघ से जुड़ गए थे. उन्होंने नागपुर से ही 1999 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था. 2014 में सीएम बने. वह फिलहाल राज्य में भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उनकी भूमिका अहम रही. उन्होंने ताबड़तोड़ RSS के टॉप नेताओं के साथ कई बैठकें की थीं. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद कहा था कि वह संघ के लगातार संपर्क में हैं. बताया गया कि लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में 'अराजकतावादियों और वोट जिहादियों' से लड़ने में संघ से मदद मांगी थी.  


फडणवीस की भूमिका अहम इसलिए भी है क्योंकि उनकी सक्रियता बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की मई में की गई टिप्पणी से बिल्कुल उलट है. तब नड्डा ने कहा था कि पहले भाजपा को आरएसएस की जरूरत होती थी. आज हम सक्षम हैं. अब भाजपा खुद चलती है.


अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि वोटिंग खत्म होने के बाद भी फडणवीस की संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात हुई थी. ऐसे में माना जा रहा था कि वो समंदर फिर से लौटकर आने वाला है.