नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार ने 'सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा' श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया. गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में आयोग की प्रमुख सिफारिशों और उस पर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी भी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने 1 दिसंबर को मराठा आरक्षण लागू करने का संकेत दिया था. ऐसे में शिवसेना और बीजेपी ने व्हिप जारी कर सभी सदस्यों को सदन में हाजिर होने के लिए कहा था. 


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बिल के मुताबिक, राज्य सरकार राज्य की 31 प्रतिशत मराठा आबादी को 16 प्रतिशत का आरक्षण देने जा रही है. एसबीसीसी ने मराठा समुदाय को 'सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा' करार दिया है. मुख्यमंत्री ने एक दिसंबर को मराठा आरक्षण लागू करने का संकेत दिया था. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार (28 नवंबर) को कहा कि मराठा आरक्षण के लिए प्रावधानों वाले विधेयक को पास करने के लिए अगर जरूरत हुई, तो महाराष्ट्र विधानमंडल के सत्र को बढ़ाया जा सकता है. 


गौरतलब है कि मराठा कोटा पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) की रिपोर्ट को सदन में पेश करने की मांग को लेकर मंगलवार (27 नवंबर) को भी जमकर हंगामा हुआ था. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने विपक्षी दलों पर मराठा कोटा पर त्वरित कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाया था. 


इस मुद्दे पर राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता वाली राज्य मंत्रिमंडल की उप समिति की बैठक बुधवार शाम को हुई. पाटिल ने बुधवार को विधानसभा परिषद में कहा था कि विधेयक को पारित कराने के लिए जरूरत पड़ने पर राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाई जा सकती है. वर्तमान कार्यक्रम के मुताबिक 19 नवंबर को मुंबई में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र 30 नवंबर को समाप्त होगा. 


महाराष्ट्र में मौजूदा आरक्षण
अनुसूची जनजाति -7%
अनुसूचित जाति -13%
ओबीसी -19%