मुंबई: शहर की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने संजय दत्त को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द कर दिया. शनिवार को कोर्ट ने फिल्म निर्माता शकील नूरानी द्वारा दायर आपराधिक धमकी की शिकायत के मामले में अदालत में पेश नहीं होने को लेकर बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.


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हालांकि, दत्त ने अदालत में अपनी अनुपस्थिति को अपने और नूरानी के वकील के बीच ‘संवाद में चूक’ को जिम्मेदार ठहराया और हालात को ठीक करने का संकल्प जताया.


नूरानी के वकील नीरज गुप्ता ने बताया था कि, ‘हमने अदालत में पेश नहीं होने के कारण दत्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी. अदालत ने हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया.’ मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.


संजय दत्त ने बीच में ही छोड़ी थी फिल्म
नूरानी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दत्त ने उनके द्वारा निर्मित फिल्म ‘जान की बाजी’ वर्ष 2002 में बीच में ही छोड़ दी थी. शिकायत में निर्माता ने कहा है कि अभिनेता ने उनको किये गये धन के भुगतान को वापस तक नहीं किया.


मामला वापस लेने के लिए अंडरवर्ल्ड से मिली धमकी
नूरानी ने इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) से संपर्क किया, जिसने दत्त को रुपये लौटाने का निर्देश दिया. इसके बाद आईएमपीपीए के आदेश के क्रियान्वयन की मांग को लेकर उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय का रख किया.


निर्माता ने आरोप लगाया कि इसी दरम्यान उनको अंडरवर्ल्ड से जुड़े कुछ लोगों के धमकी भरे फोन आने लगे, जिन्होंने उनसे मामला वापस लेने की मांग की.


पहले भी जारी हो चुका है वारंट
इससे पहले भी मामले को लेकर अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण दत्त के खिलाफ वारंट जारी किया गया था लेकिन तब उनको जमानत मिल गयी थी.


संजय दत्त ने बताया संवाद में चूक
देर शाम दत्त ने अदालत में अपनी अनुपस्थिति को अपने और नूरानी के वकील के बीच ‘संवाद में चूक’ को जिम्मेदार ठहराया और हालात को ठीक करने का संकल्प जताया,


दत्त ने कहा, ‘यह मामला लंबे समय से चल रहा है और हमारे वकीलों और उनके बीच संवाद में कमी के कारण यह स्थिति पैदा हुयी.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी अनुपस्थिति को लेकर माननीय अदालत की दिखायी गयी तत्परता का सम्मान करते हैं और हम स्थिति ठीक करने के लिए तुरंत काम करेंगे.’