नई दिल्ली: बंगाल चुनावों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने ऐलान कर दिया है कि वो नंदीग्राम (Nandigram) से चुनाव लड़ेंगी. पिछले चुनावों में ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.


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ममता बनर्जी के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में शुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया है. शुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री थे और नंदीग्राम इलाके में उनका खासा प्रभाव माना जाता है. ममता बनर्जी ने ये भी साफ कर दिया कि भवानीपुर क्षेत्र को नजरंदाज नहीं किया जाएगा.


क्यों अहम है नंदीग्राम


साल 2007 में तत्कालीन सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार की जमीन अधिग्रहण नीति के खिलाफ ममता बनर्जी ने आंदोलन कर देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं. नंदीग्राम आंदोलन के बाद लेफ्ट सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा. इस आंदोलन से ममता बनर्जी की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि साल 2011 में उन्होंने लेफ्ट के 34 साल के शासन को खत्म कर दिया. शुवेंदु अधिकारी 2016 में नंदीग्राम से विधायक बने और ममता सरकार में मंत्री बनाए गए. टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले शुवेंदु अधिकारी को नंदीग्राम आंदोलन का मुख्य सूत्रधार माना जाता है.


किसका होगा बंगाल


पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. माना जा रहा है कि अप्रैल-मई में सूबे की 294 सीटों पर चुनाव कराए जा सकते हैं जिसके लिए हर पार्टी पूरा जोर लगा रही है. ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बीजेपी तो पूरी कोशिश कर ही रही है, कांग्रेस और लेफ्ट ने भी गठबंधन के जरिए मोर्चा खोल दिया है.  शिवसेना ने भी साफ कर दिया है वो भी बंगाल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी.


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पिछले विधानसभा चुनावों के नतीजे


2016 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो टीएमसी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. टीएमसी ने 211 सीटों पर चुनाव जीता था और तब कांग्रेस और लेफ्ट ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 76 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2016 में NDA को केवल 6 सीटों पर जीत मिली थी.