Uttarakhand: उत्तराखंड के टिहरी जिले के भिलंगना क्षेत्र में 13 वर्षीय किशोरी की जान लेने वाले आदमखोर तेंदुए का अब तक पता नहीं चल सका है. तेंदुए की तलाश में वन विभाग की टीमें सक्रिय हैं, लेकिन वह अभी तक ‘शूटरों’ के हत्थे नहीं चढ़ा है. सुरक्षा कारणों से क्षेत्र के कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है.


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तेंदुए का शिकार बनी किशोरी


यह दुखद घटना शनिवार को कोट महर गांव में हुई, जब किशोरी साक्षी कैंतुरा खेलते समय घर से बाहर निकली थी और तेंदुए का शिकार बन गई. यह पिछले चार महीनों में तेंदुए के हमले की तीसरी घटना है, जिससे स्थानीय लोगों में भय और चिंता बढ़ गई है.


वन विभाग की कार्रवाई


वन विभाग की टीमें क्षेत्र में तैनात हैं, जिनमें प्रभागीय वन अधिकारी पुनीत तोमर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि तेंदुए को खोजने के लिए ड्रोन कैमरों का भी सहारा लिया जा रहा है. हालाँकि, तीन दिन बीत जाने के बाद भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है.


स्कूलों में छुट्टी


टिहरी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भौड, पुर्वाल और अंथवाल गांव के प्राथमिक विद्यालयों, हाई स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन दिन की छुट्टी की घोषणा की है. इन स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं.


बच्चों की सुरक्षा के उपाय


दूरदराज के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग किराए के वाहनों का प्रबंध कर रहा है, जिससे बच्चे स्कूल जा सकें और घर लौट सकें.


पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा


वन विभाग ने पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा भी दिया है. अधिकारी तोमर ने आश्वासन दिया है कि तेंदुए के आतंक से स्थानीय लोगों को निजात दिलाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी.


जगह-जगह लगाई गई सोलर लाइट


इसके साथ ही, रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल ने कहा कि तेंदुए को पकड़ने के लिए प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. ग्रामीणों की मांग पर अन्य स्थानों पर सोलर लाइट लगाने का भी काम किया जा रहा है, ताकि तेंदुए के संभावित हमलों से बचा जा सके. टिहरी जिले में तेंदुए का आतंक क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं का विषय बन गया है. स्थानीय प्रशासन और वन विभाग द्वारा उठाए गए कदम स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं.


(एजेंसी इनपुट के साथ)