नई दिल्ली: हर इंसान अमीर बनने की चाह रखता है. लोग पैसे कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. दुनियाभर में कई लोग इतने अमीर हैं कि वो किसी देश की इकॉनमी को हिलाने की ताकत रखते हैं. लेकिन क्या आप दुनिया के उस शख्स के बारे में जानते हैं, जिसे इतिहास का सबसे अमीर व्यक्ति माना जाता है और उसकी संपत्ति का अंदाजा आज तक कोई नहीं लगा पाया है. हम बात कर रहे हैं कि मंसा मूसा (Mansa Musa) की, जिसे इतिहास का सबसे अमीर व्यक्ति माना जाता है.


पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह थे मंशा


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मंसा मूसा पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह थे. उनके पास इतनी दौलत थी कि आजतक उनकी दौलत का कोई अनुमान नहीं लगा पाया है. उनका जन्म 1280 में हुआ. मंसा के बड़े भाई मंसा अबू बक्र ने 1312 तक शासन किया. इसके बाद वो एक लंबी यात्रा पर निकल गए, तब मंसा मूसा ने गद्दी संभाली. मूसा ने 14वीं शताब्दी तक पश्चिमी अफ्रीका में शासन किया था. इस दौरान उनके पास इतने संपत्ति हो गई जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल था.


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दुनिया के आधे सोने के थे मालिक


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मूसा की अमीरी की वजह उसके राज्य का सोना था. दरअसल, जब मूसा राजा था, तब दुनियाभर में सोने की काफी डिमांड थी. वो पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह थे और उनके पास सोने के अनगिनत भंडार मौजूद थे. बताया जाता है कि उस समय मंसा मूसा दुनिया के आधे सोने के अकेले मालिक थे.


इतनी थी दौलत


जानकारों की मानें तो बादशाह बनने से पहले मंसा मूसा को मूसा कीटा प्रथम नाम से जानते थे. ये उनका असली नाम था. मंसा मूसा के शासन काल के दौरान आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया देश उनके राज्य का हिस्सा हुआ करते थे. इतिहासकारों की मानें तो मंसा मूसा के पास 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति मौजूद थी, जबकि कई इतिहासकारों का मानना है कि बादशाह मंसा मूसा की दौलत का 400 बिलियन डॉलर से भी कई ज्यादा थी.


मक्का का ये किस्सा है काफी प्रसिद्ध


मंसा की दौलत से जुड़ा एक किस्सा काफी प्रसिद्ध है. बात 1324 की है, जब वो मक्का की यात्रा के लिए निकले. इस सफर में मंसा मूसा ने साढ़े छह हजार किलोमीटर की दूरी तय की थी. मूसा का कारवां जहां से गुजरा वहां के लोग इसे देख कर हैरत में पड़ गए. कहा जाता है कि उनके कारवां में 60 हजार लोग शामिल थे जिसमें 12 हजार केवल मूसा के निजी अनुचर थे. मूसा के घोड़े के आगे 500 लोग रेशमी लिबास पहने और सोने की छड़ियां लिए चल रहे थे. इसके साथ ही इस कारवां में 80 ऊंटों का जत्था था जिस पर 136 किलो सोना लदा हुआ था. 


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सोने की वजह से हुए बर्बाद


मूसा के इसी सोने ने पूरे मिस्र को कंगाली के हाल तक पहुंचा दिया. उन्होंने दरियादिली दिखाते हुए मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजरते वक्त यहां के गरीबों को इतना सोना दान में दिया कि इस पूरे देश में सोने के दाम घट गए और अर्थव्यवस्था चरमरा गई. जिसके बाद इस देश में अचानक से महंगाई बढ़ गई. 57 साल की उम्र में मूसा इस दुनिया को अलविदा कह गए. इसके बाद उनके बेटे ने गद्दी संभाली लेकिन वो इस साम्राज्य को चला नहीं पाया. जिसके बाद मूसा की सल्तनत समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई.


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