नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विभिन्न देशों के करीब 60 राजदूतों ने विभिन्न योगासनों के जरिए इस दिन को मनाया. इनमें से कई ने योग को भारत की ओर से विश्व को दिया गया 'अद्भुत योगदान’ बताया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेश मंत्रालय की ओर से चाणक्यपुरी के प्रवासी भारतीय केंद्र के विशाल सभागार में योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इन राजदूतों के साथ ही भारत एवं अन्य देशों के विभिन्न वरिष्ठ राजनयिकों ने विभिन्न ‘आसन’ किए. 



विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, 'इसकी (योग) व्यापक पहुंच एवं स्वीकृति हर जगह साफ तौर पर दिख रही है और खास कर उन देशों को लेकर मैं आश्वस्त हूं, जिनका यहां प्रतिनिधित्व हो रहा है.' 


जयशंकर ने कहा, 'यूनेस्को द्वारा इसे विश्व अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर शामिल किया जाना संपूर्ण मानवता के लिए इसके वैश्विक महत्त्व एवं लाभ को रेखांकित करता है.' 


भारत में डोमिनिकन गणराज्य के दूत एवं डिप्लोमैटिक कोर के डीन हैंस डैननबर्ग कास्टेलानोस ने कहा, 'कार्यक्रम में कई देशों का प्रतिनिधत्व हुआ. अन्य देशों के वरिष्ठ राजनयिकों के अलावा करीब 60 राजदूतों ने इसमें हिस्सा लिया.' 


जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने कार्यक्रम के बाद कहा, 'मैं थोड़ा थका हुआ लेकिन खुश महसूस कर रहा हूं.' वह सफेद कुर्ता-पायजामा में इस कार्यक्रम में शामिल हुए.  वेनेजुएला के दूत कोरोमोट गोडोय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उत्साहित थे.


वियतनाम के राजदूत फाम सान्ह चाउ, मिस्र के राजदूत हेबा एल्मारस्सी, इजरायल के राजदूत रोन माल्का, भूटान के दूत मेजर जनरल वेटसोप नामग्येल, बोस्निया-हर्जेगोविना मुहम्मद सेनजिक और एस्टोनिया, स्लोवेनिया, गाम्बिया, नेपाल के राजदूतों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. 


जयशंकर ने बाद में कार्यक्रम के बारे में ट्वीट भी किया कि 56 देश, सात संगठन, 260 राजनयिकों ने योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने कई योगासन किए. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और आईसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा भी इस मौके पर मौजूद थे.