Waqf amendment bill and Politics: वक्फ संशोधन बिल (waqf amendment bill 2024) पर बवाल बढ़ता जा रहा है. वक्फ पर सरकार संशोधन बिल लेकर आई तो मुस्लिमों के नाम पर सियासत करने वाली जमातों की ज़मीन खिसकने लगी. दिल्ली से जयपुर से तक हलचल मच गई. सरकार के फैसले की बौखलाहट भी साफ-साफ नज़र आने लगी. जयपुर में वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिमों का बड़ा जलसा बुलाया गया. मौका था सरकार के संशोधन बिल के खिलाफ लोगों को एकजुट करने का. लेकिन वहां के मौलानाओं ने माइक थामा तो सरकार के खिलाफ़ ज़हर उगलना शुरु कर दिया. पहले अरशद मदनी ने कहा सरकार मुसलमानों की जमीन को हड़पने की साजिश कर रही है. अब मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि अगर हम सड़कों पर आ गए तो तुम्हारी रूह कांप जाएगी. अगर कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी. 


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दिल्ली घेराव की अपील


मोदी सरकार के फैसले से नाराज इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (Ittehad-e-Millat Council) के अध्यक्ष और इस्लामिक धर्मगुरू तौकीर रजा (maulana tauqeer Raza) ने मुसलमानों से दिल्ली घेराव करने की अपील करके सोशल मीडिया पर चल रही कथित तनातनी को गरमा दिया है. तौकीर रजा भड़काऊ बयान को लेकर फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने मुसलमानों को एकजुट होकर दिल्ली का घेराव करने की अपील की. मौलाना ने कहा, 'जिस दिन सड़कों पर उतर आएंगे तो तुम्हारी रूह कांप जाएगी. फिर जो कुछ होगा उसकी जिम्मेदारी उनकी ही होगी'. मौलाना रजा ने हिंदुओं को धमकाते हुए जो कहा उसे आपको भी जरूर जान लेना चाहिए.


'दिल्ली को अपनी ताकत दिखानी होगी'


मौलाना ने कहा कि हम पहले तिरंगा लेकर आएंगे, अगर वो नहीं मानें तो उसके बाद जो होगा वो उनकी जिम्मेदारी होगी. हमारे नौजवान बुजदिल नहीं है. हमने अपने नौजवान को कंट्रोल कर रखा है जिस दिन आउट ऑफ कंट्रोल हो गए तो तुम्हारे बस की बात नहीं इन्हें रोक पाना. संसद सत्र शुरू होने वाला है, अगर आप लोग ध्यान दें. अगर आपको अपनी ताकत दिखानी है. इसको लेकर कानून बनवाना पड़ेगा. अगर आपको अपनी बात मनवानी है तो आपको दिल्ली आना ही पड़ेगा.



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तौकीर रजा का आक्रोश इतने पर ही शांत नहीं हुआ. रजा ने कहा, 'बुल्डोजर चलाओगे जो बिल्डिंग गिरा रहा है, देश का दुश्मन है. आईसीजे में अपील करेंगे कि हिंदुस्तानी मुसलमानों से ज्यादती हो रही है. तुम मुसलमानो से दुश्मनी कर रहे हो. टिट फौर टैट से काम चलेगा. हम रुकने वाले नहीं है.'


वहां अजमेर की दरगाह के गद्दी नशीन सैयद सरवर चिश्ती और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी थे. इधर मौलाना तौकीर रज़ा अपनी तकरीरों से जोश भर रहे थे. कोर्ट के फैसले को बेईमानी बता रहे थे. उधर अजमेर दरगाह के सज्जादानशीन सरवर चिश्ती ने तो खुलेआम धमकी दे डाली. सरवर चिश्ती ने धमकाते हुए कहा, 'तुम एक ईंट तो हिलाकर देखो. ये ना कट सकते है ना बट सकते हैं. ये बटने वाली कौम नहीं है. अब कितना पिटोगे तुम. अपना डर निकाल दो. अल्लाह से डरो. ये तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. ना हम बटे ना कटे. जेलें कम पड़ जाएगीं.'


मुस्लिमों को मंच से भ़ड़काने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. मौलानाओं ने अपना काम पूरा किया तो आग में धी डालने के लिए कांग्रेस सांसद रशीद मसूद भी सामने आए. उन्होंने भी मोदी सरकार को जमकर कोसा. 


जयपुर से हुंकार भरी गई. दिल्ली चलो का ऐलान हुआ. सरकार के खिलाफ़ एक मंच पर आने की अपील की गई. ये सब जायज है. लेकिन इस बीच कई अहम सवाल भी उठ रहे हैं, जिनका जवाब एक न एक दिन देना ही पड़ेगा.


<वक्फ में सुधार से आखिर असली परेशानी किसे है?
<क्या वक्फ में भरोसा करने वालों का संविधान में भरोसा नहीं है?
<क्या वक्फ के नाम पर कौम को भड़काना सही है ?
<क्या मुस्लिमों को भड़का कर सियासी रोटियां सेंकी जा रही हैं ?
<कोर्ट के फैसले को बेईमान बताने वाले पक्ष में फैसला आने पर चुप्पी क्यों हो जाते हैं?


सवाल ये भी कि क्या वक्फ बिल 2024 पर केंद्र सरकार को धमकी दी जा रही है और ऐसे बयानों से माहौल खराब नहीं होता?​