UP government trying to save big fish: यूपी (UP) की पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाते हुए तीखा हमला बोला है. हाल ही में उत्तर प्रदेश (UP) के स्वास्थ्य तथा लोक निर्माण विभाग (PWD) में हाल में हुए तबादलों को लेकर उठे विवाद के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'तबादला-तैनाती यानी ट्रांसफर और पोस्टिंग के इस खेल में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार कुछ ‘बड़ी मछलियों’ को बचाने का जो प्रयास कर रही थी वह अब भी जारी है.' आपको बताते चलें कि मायावती ने गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल के पार्टी पदाधिकारियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर की गई बैठक के दौरान कहा, ‘यूपी में हर स्तर पर जारी भारी भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने अब यह भी देख लिया कि सरकारी ‘ट्रांसफर-पोस्टिंग’ में किस प्रकार का भ्रष्टाचार का खेल हुआ है.’


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‘ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का खेल' 


मायावती ने आरोप लगाया, ‘ट्रांसफर-पोस्टिंग वास्तव में एक धंधा बन गया है और जिसका खुलासा अन्ततः राज्य सरकार को मजबूर होकर खुद ही करना पड़ा है, हालांकि इस खेल में बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास अब भी लगातार जारी है.’ गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग तथा लोक निर्माण महकमे में हाल में हुए तबादलों पर विवाद खड़ा हो गया है. तबादलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इस मामले में लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी (PWD) के कई अफसरों को सस्पेंड किया जा चुका है.


जनता के सामने जीने-मरने जैसे हालात


पांच राज्यों में पार्टी संगठन की समीक्षा करते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर कई पैने तीर चलाए. उन्होंने आगे कहा, ‘राजनीति से ऊपर उठकर देश की 130 करोड़ जनता के सामने जीने-मरने जैसे हालात हैं. महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आज सबसे बड़ी समस्या है. खाने-पीने और जरूरत की चीजों के बढ़ते दाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं.’ 


बसपा सुप्रीमो मायावती के मुताबिक, 'यूपी की बीजेपी सरकार बहुत पहले से भारी अंतर्कलह और जातिवादी आंतरिक बिगाड़ का शिकार है, जिससे सूबे की शासन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. इसी वजह से प्रदेश का आमजन भी काफी प्रभावित है. अतिखर्चीले सरकारी विज्ञापनों और झूठे प्रचार के साथ निरंतर सांप्रदायिक एवं धार्मिक विवादों के माध्यम से इन पर पर्दा डालने का प्रयास होता रहता है.' 


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