नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर कोशिशें तेज हो गई हैं. बीते दो दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दिल्ली में हैं. वह यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकती हैं. इस सबके बीच आज सुबह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर पर आज सुबह एक बैठक भी हुई. इस बैठक में डॉ कर्ण सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी शामिल थे.


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मनमोहन सिंह के घर पर दोपहर साढ़े ग्यारह बजे कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में कश्मीर के सियासी मुद्दे पर चर्चा होगी. बैठक में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई.


जम्मू-कश्मीर में हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया. सरकार गिरने के बाद कांग्रेस और पीडीपी के गठबंधन के कयास भी लगाए जा रहे थे. 89 सदस्यों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस के 12 और पीडीपी के 28 विधायक हैं. 


इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ ना तो वर्तमान में और ना भविष्य में कभी गठबंधन करने की बात कही. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीडीपी के साथ किसी तरह के गठबंधन का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है.    


पिछले एक दशक में चौथी बार राज्य में केंद्रीय शासन लगा है और संयोग की बात है कि ऐसा चारों बार वोहरा के ही कार्यकाल में हुआ. वोहरा जून, 2008 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे. पिछले चार दशकों में राज्य में आठवीं बार राज्यपाल शासन लगा है. मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च, 2021 में खत्म होगा.