Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: कुल मिलाकर महायुति की तरफ से कहीं नहीं कहा जा रहा कि जीतने की स्थिति में एकनाथ शिंदे दोबारा सीएम बनेंगे. उसके पीछे गणित ये बताई जा रही है कि चाहे महायुति या एमवीए. सबका मानना है कि गठबंधन में जिस दल की सबसे ज्यादा सीटें होंगी उस दल को ही मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए.
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महाराष्ट्र में चुनावों को लेकर सत्तापक्ष महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच घमासान हो रहा है लेकिन लाख टके का सवाल सबकी जुबान पर यही है कि यदि महायुति जीती तो कौन सीएम बनेगा और यदि एमवीए जीती तो किसको मौका मिलेगा? सत्तारूढ़ महायुति (देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार) की तरफ से तो एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं लेकिन चुनाव जीतने की स्थिति में क्या महायुति की तरफ से फिर से उनको मौका मिलेगा? इस सवाल का जवाब देने से हर कोई बच रहा है.
इस बारे में जब रविवार को अमित शाह से पूछा गया तो उन्होंने मुंबई में कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटेगा और विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन के साझेदार मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. चुनाव के बाद गठबंधन के तीनों साझेदार मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे.’’
हालांकि इससे पहले शुक्रवार को सांगली में उन्होंने कहा था कि पूरे महाराष्ट्र में लोग चाहते हैं कि विधानसभा चुनावों के बाद महायुति सरकार सत्ता में बनी रहे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जीत हो. अमित शाह ने कहा, ‘‘गत 20 नवंबर को पूरे महाराष्ट्र में मतदान होने वाला है और आप लोगों को निर्णायक रुख अपनाना है. डेढ़ महीने पहले मैंने पूरे राज्य का दौरा किया था. मैं विदर्भ, मुंबई, कोंकण, कोल्हापुर, उत्तर महाराष्ट्र का दौरा कर चुका हूं. जहां भी गया, वहां एक ही बात (भावना) थी और वो थी महायुति सरकार बनाना और देवेंद्र फडणवीस को विजयी बनाना.’’ इसके बाद पुणे में जब उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार से संवाददाताओं ने पूछा कि क्या शाह के बयान में फडणवीस को चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनाने का इशारा किया गया है तो एनीसीपी नेता ने कहा कि फैसला मिलकर लिया जाएगा. अजित पवार ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता साथ बैठेंगे और तय करेंगे.
कुल मिलाकर महायुति की तरफ से कहीं नहीं कहा जा रहा कि जीतने की स्थिति में एकनाथ शिंदे दोबारा सीएम बनेंगे. उसके पीछे गणित ये बताई जा रही है कि चाहे महायुति या एमवीए. सबका मानना है कि गठबंधन में जिस दल की सबसे ज्यादा सीटें होंगी उस दल को ही मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए. संभवतया इस कारण ही एकनाथ शिंदे हों या एमवीए की तरफ से उद्धव ठाकरे हों, कोई भी गठबंधन किसी भी चेहरे को प्रोजेक्ट करते हुए नहीं दिख रहा है.
सबसे बड़े दल को सीएम चुनने को मिलना चाहिए मौका
इसी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाला दल ही मुख्यमंत्री का नाम तय करता है. महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए (शरद पवार-उद्धव ठाकरे-कांग्रेस) के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल के जवाब में चव्हाण ने कहा, ‘‘यह एक पुरानी परंपरा है कि सबसे बड़ी पार्टी (चुनाव के बाद) मुख्यमंत्री का नाम तय करती है. मुझे नहीं लगता कि इस बार इसमें कुछ अलग होना चाहिए. लेकिन इस बार अगर तीनों दल मिलकर फॉर्मूला बदलना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. नेता जो चाहें कर सकते हैं.’’
चव्हाण ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार ने भी कहा है कि गठबंधन सहयोगियों में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी को मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करना है. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा. मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी.