Corona Mental Illness: पिछले 2 सालों में कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यस्था के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाला है. ऐसा अमेरिका के वेटरन अफेयर्स द्वारा की एक स्टडी में पाया गया है. पिछले 2 सालों में पूरी दुनिया में अरबों लोग कोरोना संक्रमित हुए. स्टडी में बताया गया है कि जिन कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में भर्तीय कराया गया उनमें मानसिक बीमारियों की शिकायत ज्यादा देखने को मिली है. वहीं, जो लोग होम आइसोलेशन में ठीक हो गए उनमें ये दिक्कतें ना के बराबर हैं.


डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों पर की गई स्टडी


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करीब 1,53,848 लोगों पर की गई इस स्टडी में 2 ग्रुप बनाये गए थे. एक वो ग्रुप जिसे कोविड हुआ और उन्हें अस्पतालों में एडमिट करने की नौबत आई और दूसरा वह ग्रुप जिसमें लोग कोरोना से संक्रमित तो हुए लेकिन उन्हें अस्पताल में एडमिट करने की नौबत नहीं आई. यानी ये लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए. 


कोरोना होने पर जिन लोगों को अस्पतालों में एडमिट किया गया..


जिन कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पतालों में एडमिट किया गया, उनमें एंग्जायटी (Anxiety) लेवल बढ़ा हुआ पाया गया. इसके साथ ही इन लोगों में किसी काम के या जीवन के प्रति कांफिडेंस लेवल में भी कमी पाई गई.किसी का स्ट्रेस लेवल बढ़ा हुआ पाया गया तो, वहीं किसी का डिप्रेशन डिसऑर्डर बिगड़ा हुआ पाया गया.


मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ा


इस स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में जितने भी लोग अबतक कोरोना के तमाम वैरिएंट्स से संक्रमित हुए हैं. उनमें मानसिक बीमारियों का खतरा ज्यादा पाया गया है.


स्वर्णिका को पोस्ट कोविड जैसी कई तरह की परेशानियां


दिल्ली की रहने वाली 35 वर्षीय स्वर्णिका दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित हुईं थीं. स्वर्णिका को पोस्ट कोविड जैसी कई तरह की परेशानियां हुई थी. लेकिन, जिस बात ने इन्हें सबसे ज्यादा परेशान किया, वो था इनकी मानसिक परेशानियां. स्वर्णिका कोविड से ठीक तो हो गई थीं लेकिन, वो चीजे भूलने लगी थीं. कोई सामान कहीं रखने के बाद उन्हें याद नहीं रहता था. कभी वे काम में कंसंट्रेट नहीं कर पाती थीं. फिलहाल डॉ से कंसल्टेशन के बाद अब स्वर्णिमा ठीक हैं.


ऐसे मामले काफी तेजी से बढ़े हैं


हमने दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल अपोलो हॉस्पिटल मैं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के हेड और मनोचिकित्सक डॉ संदीप वोहरा से जानना चाहा क्या ऐसे मामले उनके अस्पताल में भी आ रहे हैं.तो उन्होंने बताया कि बीते कई महीनों से ऐसे मामले काफी तेजी से बढ़े हैं और कई लोग अपने कंसल्टेशन के लिए अस्पताल आ रहे हैं और ऑनलाइन भी कंसल्टेशन ले रहे हैं.


मानसिक समस्याओं से ग्रस्त लोग इलाज के लिए पहुंच रहे


डॉ वोहरा के मुताबिक बीते करीब 2 साल में लोगो की शारीरिक गतिविधियां थम सी गई हैं. इसका नतीजा लोगों के रिएक्शन टाइम समेत उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर दिख रहा है. उनके मुताबिक दिल्ली एनसीआर समेत देश के कई अस्पतालों में पिछले 2 सालों में इस तरह की मानसिक समस्याओं से ग्रस्त लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.


योग मेडिटेशन के साथ एक्सरसाइज पर देना होगा ध्यान


फिलहाल देश और दुनिया में कोरोना के मामले कम होने लगे हैं और वैक्सीनेशन ड्राइव भी सभी देशों में जारी है. लेकिन, अब भी दुनिया में कोविड के नए-नए वैरिएंट आ रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों के मुताबिक लोग अगर अब भी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवीयर का पालन करें, अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी बिताएं... योग मेडिटेशन के साथ अगर एक्सरसाइज पर ध्यान दें तो, इन बीमारियों से भी निजात पाई जा सकती है.



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