नई दिल्लीः संसद में पेश गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि देश मे ऐसे 267 पुलिस स्टेशन हैं जहां टेलीफोन जैसी बेसिक सुविधा मौजूद नही है. रिपोर्ट के मुताबिक देश मे कुल 863 ऐसे भी पुलिस स्टेशन हैं जिनके पास अपने भवन नहीं है इसका मतलब या तो वो खुले में है या फिर किसी दूसरी बिल्डिंग में पुलिस स्टेशन चल रहा है. आप को ये भी जान कर हैरानी होगी कि 273 ऐसे पुलिस स्टेशन है जिनके पास कोई भी वाहन नही है और कई ऐसे भी है जहां वायरलेस सुविधा भी नही है.


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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने एक सवाल के जवाब में राज्य सभा मे कहा है कि भारत के संविधान के मुताबिक़ पुलिस और क़ानून व्यस्था राज्य के विषय हैं लेकिन केंद्र सरकार पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को सहायता योजना के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता प्रदान करके राज्य सरकारों को उनके पुलिस बलों को सुसज्जित और आधुनिकरण बनाने के प्रयासों में मदद करती है.


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देखा जाए तो देश के पुलिस बल में कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है. जनसंख्या के मुकाबले पुलिस कर्मचारियों के अनुपात को देखें तो पता चलेगा कि भारत में यह अनुपात तमाम देशों के मुकाबले सबसे कम है. भारत में यह अनुपात प्रति एक लाख आबादी पर मात्र 142 का है, जबकि पश्चिमी देशों में प्रति एक लाख आबादी पर 250 पुलिसवाले हैं.


पुलिस के पास संचार के आधुनिक उपकरण नहीं हैं, बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट जैसे निजी रक्षा के खास सामान नहीं है. और इससे भी बदतर यह कि भारी हमलों से निबटने के लिए कोई विशेष दस्ते नहीं हैं. यहां तक कि बम निष्क्रिय करने वाले दस्तों के पास भी कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या नहीं है और उनके पास पर्याप्त साजोसामान नहीं है.