नई दिल्ली: राजीव गांधी फाउंडेशन की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. ये कमेटी राजीव गांधी फाउंडेशन समेत 3 ट्रस्ट की जांच करेगी.


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गड़बड़ियों की जांच के लिए मंत्रियों की ये कमेटी गठित की गई है. फाउंडेशन की जांच PMLA, आयकर अधिनियम और FCRA एक्ट के तहत की जाएगी.


प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक इस समिति के प्रमुख होंगे. यह समिति राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की भी जांच करेगी. 


ट्रस्ट पर आरोप है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा ट्रासंफर किया गया.


पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विजन और सपनों को पूरा करने के नाम पर इस फाउंडेशन की शुरुआत 21 जून 1991 को की गई थी.


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बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से तीन लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 2.26 करोड़ रुपये) की राशि मिली थी.


पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि इतनी मोटी रकम किस बात के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन को मिली थी? इस फाउंडेशन की अध्यक्ष कांग्रेस नेता सोनिया गांधी हैं तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसके सदस्य हैं.


नड्डा ने ये गंभीर आरोप मध्य प्रदेश ‘जनसंवाद’ नाम से आयोजित एक डिजिटल रैली को दिल्ली से संबोधित करते हुए लगाए थे.


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