Minor Died Due To Dog Bite: उड़ीसा हाईकोर्ट ने दिसंबर 2016 में पुरी जिले में आवारा कुत्तों के झुंड द्वारा मारे गए 4 वर्षीय नाबालिग लड़के के मामले में पुरी नागरिक निकाय को पीड़ित परिवार के सदस्यों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. अदालत ने वकील विभूति चरण मोहंती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया. यह घटना एक दिसंबर 2016 की है, जब मृतक नाबालिग लड़का सत्यब्रत राउत, पुरी के जगन्नाथ कॉलोनी में अपने घर के पास खेल रहा था, वहीं आवारा कुत्तों ने उसे नोच-नोच कर मार डाला.


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जनहित याचिका दायर की
इसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. विभिन्न समाचार पत्रों में इस घटना की खबर छपने के बाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की और परिवार के लिए वित्तीय मुआवजे की मांग की. याचिकाकर्ता के वकील राजकिशोर स्वैन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि नगर पालिका अधिकारियों ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि कुत्ते के काटने से मौत के मामले में किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को मुआवजा प्रदान करने के लिए उड़ीसा नगर अधिनियम, 1950 के तहत कोई कानूनी प्रावधान नहीं है.


पीड़ित के मानवाधिकारों का उल्लंघन
इसी तरह, नगर पालिका ने भी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने 3,600 आवारा कुत्तों की नसबंदी की है. स्वैन ने कहा, "अदालत ने छत्तीसगढ़, कर्नाटक उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए विभिन्न फैसलों पर भरोसा करते हुए कहा कि मामले में पीड़ित के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ. इसलिए, अदालत ने नगर पालिका को मुआवजा देने का निर्देश दिया.


इस मामले की चर्चा हो रही है. लोग इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं. कुछ लोग इस बात की भी हैरानी जता रहे हैं कि यह मामला 2016 का और अब इस पर फैसला आया है. फिलहाल उड़ीसा हाईकोर्ट ने पुरी नागरिक निकाय को पीड़ित परिवार के सदस्यों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. अदालत ने वकील विभूति चरण मोहंती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया है.