Manipur Violence: एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह अपने सिपहसालारों के साथ मिलकर मणिपुर में शांति बहाली का प्लान बना रहे हैं. तो दूसरी तरफ हिंसा है कि मणिपुर में थमने का नाम नहीं ले रही. सोमवार रात मणिपुर के पहाड़ी जिले कांगपोकपी में सुरक्षाबलों को ले जा रही बस में भीड़ ने आग लगा दी. 


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दरअसल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान जिस बस से यात्रा कर रहे थे, भीड़ ने उनसे उतरने को कहा और फिर उसे आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है और आग पर तुरंत काबू पा लिया गया. मणिपुर की राजधानी इम्फाल से करीब 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. यह घटना रात करीब 9 बजे की है. जिस इलाके में यह घटना हुई वह कुकी बहुल समुदाय है. 


पुलिस ने संदिग्धों से की पूछताछ


पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ संदिग्धों से पूछताछ की है. बस में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी CRPF के जवान थे. बस को किराये पर लिया गया था और वह मैतेई समुदाय के एक शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड थी. 


सूत्रों ने बताया कि भीड़ की यह कार्रवाई पिछले हफ्ते मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले में दो ट्रकों को जलाने की घटना का बदला लेने के लिए की गई है. उन्होंने बताया कि ये ट्रक एक अन्य पहाड़ी जिले चुराचांदपुर में एक पुल बनाने के लिए निर्माण सामग्री ले जा रहे थे.


CRPF के जवान बस से कांगपोकपी जिला कमिश्नर के दफ्तर जा रहे थे. लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ये जवान वहीं तैनात थे. तभी उनको भीड़ ने रोक लिया. सोमवार को ईंधन, बेबी फूड, दवाइयां और अन्य सामानों को ले जा रहे 60 ट्रक मणिपुर की दूसरी लाइफलाइन यानी एनएच-37 पर एक दिन तक फंसे रहे. 


यह इम्फाल को असम के कछार से जोड़ता है. कुकी जनजाति के प्रदर्शनकारियों ने राज्य की राजधानी से 240 किलोमीटर दूर जिरीबाम में एक पुल पर जाम लगा दिया था. कुकी जनजातियों के नागरिक समाज समूहों ने कहा कि पिछले हफ्ते मैतेई समुदाय के सदस्यों ने दो ट्रकों में आग लगा दी थी, जिसके विरोध में यह कदम उठाया गया था. हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग को सेना ने क्लियर कराया. 


शाह ने की थी बैठक


बता दें कि अमित शाह ने सोमवार को कहा था कि गृह मंत्रालय मणिपुर में जातीय विभाजन को पाटने के लिए जल्द से जल्द मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बात करेगा. मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.  गृह मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए उन्हें रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए.