उज्जैन में भाजपा के प्रभावशाली नेता और तीन बार के विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Madhya Pradesh New CM) बनने जा रहे हैं. उनके शपथ ग्रहण में कल पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. मोहन के पास लॉ की डिग्री है, वह एमबीए हैं और राजनीति शास्त्र में पीएचडी भी. हिंदुत्व की प्रखर आवाज मोहन यादव का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबा जुड़ाव रहा है. मोहन वही हैं, जिन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए रामचरितमानस को नए वैकल्पिक चैप्टर के तौर पर शामिल कराया था. इस फैसले की देशभर में चर्चा हुई थी. यह कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में भी बना रहा. 


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रामचरितमानस की पढ़ाई


जी हां, दर्शन शास्त्र के अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए उन्होंने रामचरितमानस को एक नए ऑप्शनल चैप्टर के तौर पर शामिल किया था. इसके अलावा राम सेतु की इंजीनियरिंग पर पाठ भी जोड़ा गया था. सितंबर 2021 में जब यह घोषणा की गई तो इसे युवाओं के लिए मूल्य आधारित शिक्षा देने की कोशिश कहा गया. मोहन यादव ने तब कहा था कि रामचरितमानस और गीता को हम पाठ्यक्रम में ला रहे हैं. इस पर पूरे देश की श्रद्धा है. सम-सामयिक दृष्टि से विद्यार्थियों को सीखने-समझने का मौका मिले. श्री राम के बारे में युवाओं को जानने की जरूरत है जिससे उनका चरित्र निर्माण हो सके. 


यादव ने कहा कि विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिए कॉलेजों में रामचरितमानस, योग और ध्यान की शिक्षा दी जाएगी. यादव ने पहला चुनाव 1982 में जीता था जब वह उज्जैन के माधव साइंस कॉलेज के छात्रसंघ का चुनाव लड़े थे. वह जॉइंट सेक्रेट्री बने और 2 साल बाद अध्यक्ष भी बन गए. मोहन उज्जैन में एबीवीपी में कई पदों पर रहे. अब उन्हें एमपी की कमान मिलने जा रही है तो लोग अटकलें लगा रहे हैं कि वह रामचरितमानस की पढ़ाई जैसा कोई बड़ा फैसला आगे ले सकते हैं.