Morbi Bridge Collapse Case: मोरबी पुल हादसे के मुख्य आरोपी ओरेवा समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) जयसुख पटेल को कोर्ट से जमानत मिल गई है. 2022 मोरबी ‘सस्पेंशन ब्रिज’ (झूलता पुल) ढहने के मामले में जयसुख पटेल को जमानत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. अदालत ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई पूरी होने तक जिले में पटेल के प्रवेश पर रोक लगा दी तथा उनकी रिहायी के लिए सात शर्तें भी लगाईं. 


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लंबे इंतजार के बाद मिली जमानत


इस मामले के मुख्य आरोपी पटेल को प्रधान सत्र अदालत के न्यायाधीश पी सी जोशी के आदेश पर मोरबी उप-जेल से रिहा किया गया. इससे कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने उनकी नियमित जमानत याचिका मंजूर की थी और निचली अदालत को उनकी रिहायी के लिए कड़े नियम और शर्तें तय करने का निर्देश दिया था. 


गई थी 135 लोगों की जान


गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना मोरबी पुल 30 अक्टूबर, 2022 को गिर गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी. विशेष लोक अभियोजक विजय जानी ने कहा कि प्रधान सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी की अदालत ने मंगलवार को मामले के मुख्य आरोपी पटेल को नियमित जमानत पर रिहा करने के लिए सात शर्तें लगाईं. 


मोरबी जिले से बाहर रहने का निर्देश


उन्होंने कहा, "आरोपी को सुनवायी पूरी होने तक मोरबी जिले से बाहर रहने और केवल मुकदमे की तारीखों पर जिले का दौरा करने का निर्देश दिया गया था." उन्होंने बताया कि आरोपी को जमानत बांड के रूप में एक लाख रुपये जमा करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का भी निर्देश दिया गया. 


जमा करना होगा पासपोर्ट


जानी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पटेल को अदालत के समक्ष अपना आवासीय प्रमाण जमा करने और जब भी पते में कोई बदलाव हो तो उसे सूचित करने का भी निर्देश दिया गया. अदालत ने पटेल को सात दिनों के भीतर अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया और उन्हें निचली अदालत में सुनवाई के लिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)