Waqf Board Property: संसद में वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन की केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव के बाद तेज हुई बहस के दौरान देश के लोग यह जानकर हैरान रह गए कि वक्फ बोर्ड बेशुमार संपत्तियों का मालिक है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत के वक्फ बोर्ड के पास दुनिया के और तमाम देशों के वक्फ बोर्ड से कई गुना ज्यादा संपत्ति और ताकत है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे, डिफेंस और कैथोलिक चर्च के बाद वक्फ की सबसे अधिक प्रॉपर्टी


देश में मौजूदा वक्फ बोर्ड एक्ट के विवादित प्रावधानों के मुताबिक, एक बार जब कोई जमीन वक्फ के पास चली जाती है तो उसे पलट नहीं सकते. देश में मौजूद सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड दोनों की कुल संपत्ति के बारे में जानकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है. वहीं, इसमें तेजी से बढ़त भी दर्ज किए जा रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, देश में रेलवे, डिफेंस और कैथोलिक चर्च के बाद सबसे अधिक जमीन वक्फ बोर्ड के पास ही है.


स्कावयर किमी में देखें तो वक्फ बोर्ड के पास 45 देशों से ज्यादा जमीन


रिपोर्ट के मुताबिक, देश में वक्फ बोर्ड के पास 3804 वर्ग किलोमीटर संपत्ति यानी जमीन है. यह दुनिया के लगभग 45 देशों के क्षेत्रफल से भी ज्यादा है. उदाहरण के लिए समोआ 2803, मॉरीशस 2007, हॉन्गकॉन्ग 1114, बहरीन 787 और सिंगापुर महज 735 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. वक्फ बोर्ड की जमीन इनसे काफी ज्यादा है.



2022 में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी


साल 2022 में राज्यसभा में तत्कालीन केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक लिखित जवाब में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि देशभर में वक्फ के पास कुल 7 लाख 85 हजार 934 संपत्तियां हैं. उत्तर प्रदेश में वक्फ के पास सबसे ज्यादा संपत्ति कुल 2 लाख 14 हजार 707 संपत्तियां हैं. इसमें से 1 लाख 99 हजार 701 सुन्नी और 15006 शिया वक्फ के पास है. इसके बाद बंगाल में वक्फ के पास 80 हजार 480 और तमिलनाडु में 60 हजार 223 संपत्तियां हैं.


ये भी पढ़ें - QR कोड की जंग.. वक्फ बिल पर हिंदू बनाम मुस्लिम संगठनों का डिजिटल महायुद्ध


1995 और 2013 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ को दिए असीमित अधिकार


सबसे पहले साल 1995 में केंद्र की पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ा दी. उन्होंने वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव किए और जमीन अधिग्रहण करने के लिए असीमित अधिकार दे दिए. इसके बाद साल 2013 में यूपीए-2 के शासनकाल में वक्फ बोर्ड की शक्तियां बढ़ाकर उसे कानूनन अधिकार दिए गए कि वह मुस्लिम दान के नाम पर संपत्तियों पर दावा कर सकता है. ऐसे ही कुछ विवादित और असीमित अधिकार वाले प्रावधानों को बदलने की बात हो रही है.


ये भी पढ़ें - Analysis: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले जेल से बाहर आ रहे केजरीवाल, AAP को कितनी सहानुभूति मिलेगी, कैसा होगा असर?