Mughals Dark Secrets: मुगल इतिहास (Mughal History) में ऐसी कई कहानियां हैं जिसमें महिलाओं को लेकर खून-खराबा हुआ. मुगल हरम (Mughal Harem) की जब भी बात होती है तो लोग अधिकतर अकबर (Akbar) की बात करते हैं लेकिन इससे आगे भी बहुत कुछ है. एक बार मुगल बादशाह (Mughal Emperor) ने अपने फौजदार को सिर्फ इसलिए मरवा दिया था क्योंकि वह उसकी बीवी को पाना चाहता था. इतना ही नहीं मुगल बादशाह ने उस खूबसूरत महिला से बाद में शादी भी कर ली थी. बताया जा रहा है कि फौजदार को मरवाने के पीछे सिर्फ यही वजह थी कि वह उसकी बेगम से शादी करना चाहता था. आइए जानते हैं कि ये मुगल बादशाह कौन था और उनके फौजदार को मारकर किससे शादी की थी.


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औरत के लिए किसने कराया फौजदार का कत्ल?


बता दें कि खूबसूरत महिला से शादी करने के लिए उसके पति को मरवाने वाला मुगल बादशाह कोई और नहीं बल्कि अकबर का बेटा जहांगीर था, जिसे दुनिया शहजादे सलीम के नाम से भी जानती है. जहांगीर ने नूरजहां से शादी की थी और इसके लिए उसके पति को मरवा दिया था. नूरजहां का नाम पहले मेहरुन्निसा था. जहांगीर के बारे में तो ये भी कहा जाता है कि मेहरुन्निसा से इतना ज्यादा आसक्त था कि वह जिंदगी भर एक सेर शराब और आधा सेर कबाब में डूबा रहना चाहता था.


किसकी बेटी थीं मेहरुन्निसा?


जान लें कि मेहरुन्निसा अकबर के दोस्त ग्यासबेग की बेटी थी. वो तेहरान के निवासी थे. तेहरान आज के ईरान की राजधानी भी है. हालात के कारण ग्यासबेग भारत आए थे और अकबर ने उन्हें काबुल का दीवान बना दिया था. बताया जाता है कि उनकी बेटी मेहरुन्निसा बहुत सुंदर थी और इसके साथ ही वह विदुषी भी थी. जहांगीर बादशाह बनने से पहले से ही उस पर लट्टू था. लेकिन, मेहरुन्निसा से उसकी शादी नहीं हो पाई. मेहरुन्निसा का निकाह अलीकुली खां से कर दिया गया था. अलीकुली खां को बाद में शेर अफगान की उपाधि मिली थी.


शेर अफगान की हत्या


एक बार शेर अफगान को जहांगीर ने बंगाल के वर्धमान का फौजदार बना दिया था. लेकिन शेर अफगान इससे खुश नहीं था. ये बात जब जहांगीर को पता चली तो उसने शेर अफगान को वापस बुलाया. पर शेर अफगान ने उसका आदेश मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद जहांगीर आगबबूला हो गया और उसका सिर कटवा दिया. बताया जाता है कि सन् 1607 में शेर अफगान की मौत के बाद मेहरुन्निसा विधवा हो गई थी.


मेहरुन्निसा कैसे बनीं नूरजहां?


जानकारों के मुताबिक, सन् 1611 में जब जहांगीर ने मेहरुन्निसा को देखा तो तब वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और उसके साथ निकाह कर लिया. इसके बाद मेहरुन्निसा को नूर महल और नूरजहां जैसी उपाधियां दी गईं. कहा जाता है कि जहांगीर के पिता अकबर ने ही उसकी शादी मेहरुन्निसा से नहीं होने दी थी.


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