Mumbai Padmini Taxi Closed: बीते कई दशकों से अगर कोई मायानगरी मुंबई (Mumbai) में जाने या वहां के बारे में सोचता था, तो उसके दिलोदिमाग में शहर की ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी की तस्वीर जरूर उभरती थी. आम लोगों के लिए दशकों से सवारी का सुगम साधन बनी इस टैक्सी सेवा को ‘काली-पीली' के तौर पर जाना जाता था, (जो इसके रंग को दर्शाता है) उनका संचालन सोमवार से इतिहास बन जाएगा. मुंबईकर हों या यहां घूमने आने वाले सैलानी सभी का इस टैक्सी सर्विस से गहरा जुड़ाव रहा है और अब करीब छह दशक के बाद लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली इस कैब सर्विस का सफर समाप्त होने जा रहा है.


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नये मॉडल और ऐप-आधारित कैब सेवाओं के बाद ये काली-पीली टैक्सी अब मुंबई की सड़कों से पूरी तरह हट जाएगी. आपको बताते चलें कि हाल ही में पब्लिक ट्रांसपोर्टर ‘बेस्ट' यहां की मशहूर लाल डबल-डेकर डीजल बसों के सड़कों से हटने के बाद अब काली-पीली टैक्सी भी नजर नहीं आएंगी. 


भावुक हुए चलाने वाले-इतिहास बन जाएगी प्रीमियर कैब


इस कैब को चलाकर अपनी रोजी रोटी चलाने वालों के लिए ये एक इमोशनल मौका है. एक पीढ़ी को पैदा होते और उसे साठ की उम्र तक अपने आंचल में बैठाकर घुमाने वाली इस कैब को बॉलिवुड की न जाने कितनी फिल्मों में जगह दी गई है. 


‘ये मुंबई की शान है और हमारी जान है.'


मुंबई की आखिरी पंजीकृत प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी (MH-01-JA-2556) की मालिक प्रभादेवी ने कहा, ‘ये मुंबई की शान है और हमारी जान है.' अमीर हो या गरीब शायद ही कोई वर्ग ऐसा होगा जिसने कभी इस कैब में सफर न किया हो. इस बीच बहुत से लोगों ने मांग की है कि कम से कम एक ‘प्रीमियर पद्मिनी' को सड़क पर या संग्रहालय में संरक्षित किया जाए.


पुरानी टैक्सी कार के शौकीन डैनियल सिकेरा ने कहा कि ये मजबूत टैक्सी पांच दशकों से अधिक समय से शहर के परिदृश्य का हिस्सा रही हैं और पिछली कई पीढ़ियों से इनसे भावनात्मक जुड़ाव रहा है. कुछ साल पहले, शहर के सबसे बड़े टैक्सी चालक संघ में शुमार ‘मुंबई टैक्सीमेन यूनियन' ने सरकार से कम से कम एक काली-पीली टैक्सी को संरक्षित करने के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. 


मुंबई में दीवारों पर छपी ‘प्रीमियर पद्मिनी' 


परेल निवासी और कला प्रेमी प्रदीप पालव ने कहा कि आजकल ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी केवल मुंबई में दीवारों पर भित्तिचित्रों में देखी जा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, यह धीरे-धीरे गायब हो गयी हैं, लेकिन इसने लोगों के दिलों में जगह बना ली है.' ‘मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन' के महासचिव एएल क्वाद्रोस ने याद किया कि टैक्सी के रूप में ‘प्रीमियर पद्मिनी' की यात्रा 1964 में ‘फिएट-1100 डिलाइट' मॉडल के साथ शुरू हुई थी. 


29 अक्टूबर 2003 को आखिरी रजिस्ट्रेशन


मुंबई ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा कि आखिरी ‘प्रीमियर पद्मिनी' को 29 अक्टूबर, 2003 को तारदेव RTO में एक काली-पीली टैक्सी के रूप में रजिस्ट्रेशन हुआ था. चूंकि, शहर में कैब संचालन की समय सीमा 20 साल है, ऐसे में सोमवार से मुंबई में आधिकारिक तौर पर ‘प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी अब नहीं चलेगी.