नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) से ट्रेनिंग लेकर लौटे आतंकियों जीशान और ओसामा ने भारतीय एजेंसियों की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. आरोपियों को किस कदर ट्रेंड किया गया था इसकी बानगी जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. आतंकी ने कहा कि हमें सिखाया गया था कि अगर किसी वजह से बम धमाके (Bomb Blast) करने में कामयाब न होना तो देश को तगड़ा आर्थिक नुकसान (Economic Damage) पहुंचा देना.


सुझाए गए नये टारगेट 


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हिंदुस्तान को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिये जो टारगेट सुझाये गये थे उसमें कोई बड़ी प्राइवेट फैक्ट्री, निजी गोदाम, बड़े-बड़े शो रूम और बड़ी नामचीन दुकानों में आगजनी करके नुकसान पहुंचाना था. खुफिया एजेंसी ISI ने भारत और अन्य देशों से जिहाद के नाम पर ट्रेनिंग करने वाले लड़कों के लिए मस्कट में कांट्रेक्ट बेस्ड पर कुछ लोगों को हायर किया था जिन्हें हर महीने सैलरी दी जाती थी. इस नापाक ऑपरेशन की निगरानी और अगुवाई ISI ही कर रही थी.


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कई शिफ्ट में होती थी ट्रेनिंग


ट्रेनिंग के दौरान एक शिफ्ट में मौलवी आता था जो जीशान और ओसामा को जिहाद और एक खास धार्मिक समुदाय पर हुए जुल्म के भ्रामक वीडियो दिखाता था. सेकेंड शिफ्ट में हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के लिये एक्सपर्ट आते थे. वहीं तीसरी शिफ्ट में विस्फोटक बनाने और प्लांट करने के गुर सिखाने के लिये नई टीम आती थी. 


आतंक का मस्कट कनेक्शन


मस्कट के कुछ लोगों ने पाकिस्तानी एजेंसी ISI ने सैलरी पर रखा है जिनका काम टेरर कैंप में ट्रेनिंग के लिये आने वालों लड़ाकों को पानी के रास्ते मस्कट से पाकिस्तान (Muscat to Pakistan) ले जाना होता था. बोट में हमेशा ISI का एक शख्स मौजूद होता था जो रास्ते में पाकिस्तान जाते वक्त वहां मौजूद अपने अधिकारियों को सारी मूवमेंट की जानकारी देता रहता था. पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर जिस फार्म हाउस में इन्हें ट्रेनिंग दी गयी वो किसी टेरर कैम्प से कम नहीं था, वहां फायरिंग रेंज से लेकर फिजिकल ट्रेनिंग देने तक का इन्तेजाम था.



(कुछ लड़ाकों को यहां भी आतंकी ट्रेनिंग दी गई. फाइल फोटो- ग्वादर पोर्ट) 


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