जिस तरह जगन्नाथ मंदिर के कई रहस्य अनसुलझे हैं... उसी तरह नैनीताल की नैनी झील भी रहस्यों से भरी है... और इन्हीं रहस्यों का पता लगाने के लिए, अब नैनी झील का Bathymetric Survey किया जा रहा है.. भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देश में... नैनीझील का 7 दिवसीय Bathymetric Survey शुरू हो चुका है... इस सर्वे का उद्देश्य झील की गहराई और पानी के नीचे की Topography... यानि तल आकृति का पता लगाना है.


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असल में सर्वे में ये भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी... कि झील के भीतर किस तरफ, कैसा ढलान है.. लेकिन नैनी झील का Bathymetric Survey किस तरह होगा... और ये कितने दिन चलेगा...इसमें कौन सी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा... अब हम आपको ये बता देते हैं


सर्वे टीम से जुड़े इंजीनियर क्या कहते हैं.


झील का सर्वे भारतीय नौसेना करेगी
कई अनसुलझे रहस्यों का पता लगाएगी भारतीय नौसेना
भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देश में सर्वे होगा
ये सर्वे नैनीताल में भारतीय नौ सेना की एकमात्र NCC इकाई करेगी
सर्वे भारतीय नौसेना के पोत INS सर्वेक्षक की सर्वे टीम (हाइड्रोग्राफर्स) की ओर से किया जा रहा है
Efficient Data Collection के लिए बड़ी फ्लैट-बाटम नाव उपलब्ध कराई गई है


नैनी झील का सर्वे एक सप्ताह तक होगा


झील की गहराई मापने के लिए अत्याधुनिक ईको साउंडर्स, जीपीएस सेट का प्रयोग किया जाएगा
झील के नीचे के नमूने COLLECT करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होगा
इससे नैनी झील का बाथमीट्रिक चार्ट तैयार किया जाएगा


नैनी झील के सर्वेक्षण का DATA झील के संरक्षण और भविष्य के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा... इस सर्वे से नैनी झील के कई अनसुलझे रहस्यों का भी पता चल सकेगा... जो कि नैनीताल की भौगोलिक स्थिति के लिए अत्यंत आवश्यक भी है..