Namaz Controversy at Prayagraj Junction: यूपी में सार्वजनिक स्थानों पर इबादत करने पर बैन है. इसके बावजूद इस सरकारी आदेश के उल्लंघन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. लुलू मॉल के बाद अब प्रयागराज जंक्शन के वेटिंग रूम में सामूहिक नमाज (Namaz Controversy) पढ़े जाने का मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक दर्जन से ज्यादा नाबालिग मुस्लिम किशोरों ने वेटिंग रूम में एक साथ नमाज पढ़ी. उन्हें नमाज पढ़वाने के लिए वहां पर बाकायदा इमाम भी मौजूद था. सामूहिक नमाज का वीडियो सामने आने के बाद सार्वजनिक जगह पर नमाज का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. 


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ट्रेन से उतारे गए नाबालिग किशोर


पुलिस के मुताबिक नाबालिग बच्चों के साथ ट्रेन में सफर कर रहे एक मौलाना अब्दुर्रब को महानंदा एक्सप्रेस से उतारा गया था. इसके बाद उस मौलाना ने ट्रेन से उतारे गए नाबालिग किशोरों के जंक्शन के वेटिंग रूम में सामूहिक नमाज पढ़ाई. जब मौलाना यह काम कर रहा था तो वेटिंग रूम में मौजूद कई लोगों ने उसकी हरकत का विरोध भी किया लेकिन मौलाना ने इसे अपनी आस्था का मामला बताकर उनकी एक भी बात सुनने से इनकार कर दिया. 


प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बने वेटिंग रूम के पास ही जीआरपी और आरपीएफ की भी तैनाती रहती है. लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों में से किसी ने भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका. इसे लेकर दोनों फोर्स पर सवाल खड़े हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मौलाना ने केवल एक बार ही नहीं बल्कि 3 वक्त की नमाज (Namaz Controversy) सामूहिक रूप से वेटिंग रूम में अदा करवाई. इसके बावजूद मौलाना पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिस पर लोग हैरानी जता रहे हैं. 


संस्था को मिली थी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की सूचना


दरअसल बचपन बचाओ आंदोलन (Bachpan Bachao Andolan) संस्था के वॉलंटियर्स को सूचना मिली थी कि महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए नाबालिग बच्चों को बिहार से नई दिल्ली ले जाया जा रहा है. वॉलंटियर्स ने यह सूचना जीआरपी प्रयागराज को दी गई थी. जिसके बाद ट्रेन के प्रयागराज पहुंचने पर जनरल कोच से करीब 15 नाबालिग किशोरों और 6 अन्य को रेस्क्यू कर ट्रेन से उतार लिया गया. ट्रेन से उतारने के बाद सभी को प्लेटफार्म नंबर 1 के वेटिंग रूम लाया गया, जहां पर सभी से बाल कल्याण समिति की टीम ने पूछताछ की.


किशोरों को दिल्ली ले जा रहे मौलाना ने पूछताछ में बताया कि वह फतेहपुरके एक मदरसे में पढ़ाने के लिए उन्हें ले जा रहा था. बाल कल्याण समिति के उसकी बात पर भरोसा नहीं किया. कई घंटे तक वेटिंग रूम में रहने के दौरान मौलाना ने उन किशोरों को वहीं पर सामूहिक नमाज पढ़वाई. बाद में बाल कल्याण समिति ने सभी किशोरों को चाइल्ड लाइन भेज दिया. समिति ने कहा कि पैरंट्स के आने पर किशोरों को उनके सुपुर्द किया जाएगा. 


लखनऊ के लुलू मॉल में भी सामने आ चुका है विवाद


बताते चलें कि यूपी में सार्वजनिक जगहों पर किसी भी तरह के धार्मिक क्रियाकलाप करने पर पूरे तरीके से पाबंदी है. इससे पहले भी लखनऊ में खुले लुलू मॉल में समुदाय विशेष के युवकों ने जाकर नमाज पढ़ी थी, जिस पर काफी हंगामा हुआ था. इसके विरोध में हिंदू संगठनों ने भी वहां पर जाकर हनुमान चालीस पढ़ने की घोषणा की थी, जिसके बाद योगी सरकार दबाव में आ गई थी. उसने मामले की जांच के आदेश देते हुए नमाज पढ़ने वाले कई आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था. 


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