भारत में 81 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ, 95 देशों के साथ अपना टीका साझा किया: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, `कोविड की दूसरी लहर के दौरान भारत के साथ पूरी दुनिया खड़ी थी. भारत के प्रति दिखाई एकजुटता और समर्थन के लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हूं.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक COVID-19 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कैंपेन चला रहा है. कुछ दिन पहले हमने एक दिन में ढाई करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई. अब तक 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जबकि 20 करोड़ लोग ऐसे हैं जो वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं.'
'95 देशों के साथ साझा की वैक्सीन'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'हमने अपनी कोविड वैक्सीन को 95 देशों समेत यूएन शांति सैनिकों के साथ साझा किया. कोविड की दूसरी लहर के दौरान भारत के साथ पूरी दुनिया खड़ी थी. भारत के प्रति दिखाई एकजुटता और समर्थन के लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हूं. जैसे-जैसे भारतीय वैक्सीन तैयार हो रही हैं, हम मौजूदा वैक्सीन प्रोडक्शन की क्षमता भी बढ़ा रहे हैं. जैसे-जैसे हमारा प्रोडक्शन बढ़ेगा, हम दूसरों को भी फिर से वैक्सीन की सप्लाई कर पाएंगे. इसके लिए कच्चे माल की सप्लाई चेन खुली रखनी होगी.'
'भारत ने मानवता को एक परिवार के रूप में देखा'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'कोविड-19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. दुनिया की ज्यादातर आबादी अब भी वैक्सीनेटेड नहीं हुई है. इसलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की ये पहल सही समय पर शुरू की गई है, जो स्वागत योग्य है. भारत ने हमेशा मानवता को एक परिवार के रूप में देखा है. भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री ने लागत प्रभावी डायग्नोस्टिक किट, दवाएं, चिकित्सा उपकरण और पीपीई किट का उत्पादन किया. ये कई विकासशील देशों को किफायती विकल्प प्रदान कर रहे हैं.'
'वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता जरूरी'
ग्लोबल समिट में पीएम मोदी ने बताया, 'हमने 150 से ज्यादा देशों से दवाएं और मेडिकल सप्लाई साझा की है. स्वदेशी रूप से विकसित दो वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, जिसमें दुनिया की पहली DNA बेस्ड वैक्सीन भी शामिल है. उन्होंने बताया कि और भी भारतीय कंपनियों को वैक्सीन के प्रोडक्शन का लाइसेंस मिला है. हमें महामारी के आर्थिक प्रभावों को दूर करने पर भी ध्यान देने की जरूरत है. वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देकर अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाने की भी जरूरत है.'
आर्थिक प्रभावों को दूर करने की जरूरत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारे क्वाड (QUAD) पार्टनर्स के साथ, हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए टीके बनाने में भारत की विनिर्माण शक्ति का लाभ उठा रहे हैं. भारत और दक्षिण अफ्रीका ने COVID वैक्सीन डायग्नोस्टिक और दवाओं के लिए WTO में TRIPS छूट का प्रस्ताव दिया है. यह महामारी के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने में सक्षम होगा. हमें महामारी के आर्थिक प्रभावों को दूर करने पर भी ध्यान देने की जरूरत है.'
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