अमरावती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 'पहले भारत' उनकी सरकार की विदेश नीति का मार्गदर्शन करने वाला सरल मंत्र है और उसने कई मुद्दों पर वैश्विक विमर्श की दिशा तय की है. उन्होंने कहा कि दो साल पहले पाकिस्तान में आतंकवादी लांच पैडों को निशाना बनाकर नियंत्रण रेखा के पार किये गये सर्जिकल स्ट्राइक ने आतंकवादियों को जो भाषा समझ में आती है, उसी भाषा मे आतंकवाद से निपटने की देश की क्षमता प्रदर्शित की. उन्होंने विदेशों में छिपाकर रखे गये कालेधन को वापस लाने का और ऐसा करने वाले को दंडित करने का अपना वादा दोहराया.


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नमो एप के माध्यम से आंध्रप्रदेश के विभिन्न शहरों में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 130 करोड़ देशवासियों की वजह से ही वैश्विक नेता के रुप में उभरा. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से युवाओं खासकर पहली बार मतदाता बने लोगों से उनकी सरकार की चार साल की उपलब्धि बताने का आह्वान किया और कहा, ''युवा नकारात्मकता में नहीं बल्कि सकारात्मक में विश्वास करता है. हमने आंध्रप्रदेश और पूरे देश के लिए जो काम किया है, उसके बारे में युवाओं से बातचीत करिए.'' 


उन्होंने कहा, ''हमारी विदेश नीति पहले भारत के सरल मंत्र पर आधारित है. वैश्विक विमर्श से छूट जाने की बात तो छोड़िए, भारत अब कई मुद्दों पर वैश्विक विमर्श तय कर रहा है.'' वह नरसापुरम के एक पार्टी कार्यकर्ता के सवाल का जवाब दे रहे थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने पहले जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए उन्होंने लाखों लोगों के लिए बेहतर जीवन की गारंटी के वास्ते कालेधन के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया को एकजुट हो जाने की आवश्यकता पर बल दिया था और बाद में कैसे इस मुद्दे की कई वैश्विक मंचों पर ध्वनि सुनाई दी.


उन्होंने कहा कि भारत ने अवैध धन के बारे में ताजा जानकारियां जुटाने के लिए कई देशों के साथ समझौते किेये है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'कालाधन वापस लाया जाएगा और जिनका कालधन है, उन्हें दंडित किया जाएगा.' आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया ने अब माना है कि भारत कम से कम चार दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है. उन्होंने कहा, ''हम भारतीय शांति चाहते हैं. (लेकिन) हमें पता है कि कैसे आतंकवाद से उन्हीं की भाषा में निपटा जाए. सर्जिकल स्ट्राइक उसी का एक उदाहरण है.'' 


मोदी ने कहा, ''न केवल हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया बल्कि हमने अपने इस कृत्य पर दुनिया के कई देशों का पूरा समर्थन भी पाया.'' उन्होंने कहा कि विदेश नीति सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ''20 सालों में पहली बार हमारा देश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में चीन को पार कर गया. जापान के साथ 75 अरब डॉलर मूल्य की मुद्रा की अदला-बदली संबंधी समझौता दर्शाता है कि अन्य देशों के साथ मजबूत दोस्ती का मतलब बड़ा आर्थिक लाभ भी होता है.'' 


प्रधानमंत्री ने उन्हें एक नागरिक द्वारा भेजे गये पत्र को याद किया जिसमें उसने कहा कि उनकी सरकार की सभी योजनाएं सुरक्षा के इर्द-गिर्द ही हैं. उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय, अंदरुनी, भौतिक, आर्थिक, स्वास्थ्य.... जीवन की अनिश्चितताओं से सुरक्षा. सुरक्षा की अवधारणा के कई आयाम हैं. हमने उन सभी पर काम किया.'' मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने देश और उसके नागरिकों के लिए उपयुक्त सुरक्षा सुनिश्चित किया और सुरक्षा पर उसका काम राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा से भी आगे जाकर रहा. 


उन्होंने कहा, ''महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सोचिए. हम महिलाओं के विरुद्ध कुछ खास अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने तक गये. 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार करने पर मृत्युदंड का प्रावधान एक ऐतिहासिक कदम है.'' उन्होंने कहा कि भौतिक सुरक्षा के आगे जाकर सरकार ने सभी के लिए वित्तीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और जन धन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पीएम सुरक्षा योजना, पीएम जीवन ज्योति योजना जैसी योजनाएं लायीं. 


अपनी सरकार की योजना 'आयुष्मान भारत' को पासा पलटने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब गरीब स्वास्थ्य समस्याओं से जूझता नहीं रहेगा क्योंकि वह इलाज कराने में असमर्थ है. वे अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त में इलाज करा सकते हैं.


(इनपुट भाषा से)