National Politics: विपक्षी गठबंधन का 31 को मुंबई में जुटान, PM मोदी को हराने के लिए लेगा महात्मा गांधी के इस नारे का सहारा
INDIA Alliance Meeting in Mumbai: अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी गठबंधन लगातार खुद को मजबूत कर रहा है. अब गठबंधन ने रेस में आगे निकलने के लिए महात्मा गांधी का सहारा लेने का फैसला किया है.
INDIA Alliance Meeting in Parliamentary Election 2024: देश में अगले साल होने जा रहे आम चुनावों के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने की कवायद तेज हो गई है. चुनाव में एनडीए को मात देने के लिए मुंबई बैठक में I.N.D.I.A. गठबंधन का एक झंडा तय किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक यह झंडा राष्ट्रीय झंडा से मिलता जुलता हो सकता है. चूंकि गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. है, इसलिए राष्ट्रीय झंडे का स्वरूप देते हुए उसमें एक अलग सा चिन्ह दिया जाएगा. ये झंडा गठबंधन के प्रचार, बैठक और संयुक्त रैलियों में इस्तेमाल होगा. इस बैठक में 'भाजपा चले जाओ' का नारा दिया जाएगा.
मुंबई के होटल में होगी गठबंधन की बैठक
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (INDIA Alliance) की इस सप्ताह मुंबई में होने जा रही बैठक में 'भाजपा चले जाओ' का नारा दिया जाएगा. यह बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई के उपनगर में एक आलीशान होटल में होगी. इसमें गठबंधन के 26 दल शामिल हैं. इस बैठक में विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ का ‘लोगो’ भी जारी किया जाएगा.
'नारा और लोगो किया जाएगा जारी'
पटोले ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आधा दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्री समेत अन्य लोग शामिल होंगे. बैठक (INDIA Alliance) में विपक्षी दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने एजेंडा पर भी चर्चा करेंगे. पटोले ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने 1942 में मुंबई से अंग्रेजों को 'चले जाओ' (भारत छोड़ो) का नारा दिया था. इसी तरह मुंबई में ‘इंडिया’ की बैठक में मोदी सरकार के लिए नारा 'चले जाओ, भाजपा चले जाओ' का नारा दिया जाएगा.
'बीजेपी के पास कोई उम्मीदवार नहीं'
पटोले ने दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन (INDIA Alliance) के पास प्रधानमंत्री पद के लिए कई सक्षम उम्मीदवार हैं, लेकिन भाजपा के पास शीर्ष पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके भतीजे अजित पवार ने राज्य के विकास के लिए नहीं बल्कि ईडी के डर से बीजेपी से हाथ मिलाया है.
(एजेंसी भाषा)