Natwar Singh Passes Away: जब पाकिस्तानी तानाशाह ने कहा था, `कुंवर साहब, कश्मीर रगों में खून की तरह बह रहा है`, तब नटवर सिंह ने यूं बंद कर दी थी बोलती
Natwar Singh: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का शनिवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन (Natwar Singh demise) हो गया. वह 95 वर्ष के थे. वह पिछले कुछ समय से बीमार थे. मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
Natwar Singh Passes Away: वरिष्ठ कांग्रेस नेता नटवर सिंह का निधन हो गया. इस के साथ भारत की राजनीति को करीब से समझने वाला एक सितारा बुझ गया. बेबाक शख्सियत रखने वाले नटवर सिंह भारतीय विदेश सेवा के तेजतर्रार अफसर थे. जिन्होंने 31 साल तक नौकरशाह के रूप में काम किया. 1984 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए नटवर सिंह 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कैबिनेट में इस्पात, कृषि और कोयला और खान विभागों के साथ राज्य मंत्री बने. अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' (One life is not enough) में पूर्व कैबिनेट मंत्री अपनी जिंदगी के हर छोटे-बड़े टर्निंग प्वाइंट को विस्तार से बताया है.
आजाद भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं का हिस्सा रहे नटवर
नटवर सिंह ने कई मंत्रालयों में सेवाएं दीं. नटवर सिंह ने करीब दो दशक से अधिक समय तक भारतीय राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाई. नटवर सिंह, भारत-चीन वार्ता और बांग्लादेश के गठन समेत स्वतंत्र भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं का हिस्सा रहे थे. उनकी तैनाती पाकिस्तान में भी रही. अपनी बॉयोग्राफी में उन्होंने एक जगह लिखा है कि कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ाव ने उन्हें कुछ ऐतिहासिक घटनाओं को करीब से देखने का मौका दिया. राष्ट्रपति जिया-उल-हक के शासन के दौरान उनकी पोस्टिंग पाकिस्तान में थी. उस दौर का एक किस्सा आइए आपको बताते हैं.
तानाशाह जनरल जिया को दिया जवाब
पाकिस्तान में पोस्टिंग के दौरान वहां के सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक ने एक दिन नटवर सिंह से कहा- 'कुंवर साहब, कश्मीर हमारी रगों में खून की तरह बह रहा है. नटवर ने पलटवार किया. जनरल साहेब, आप खून की बात कर रहे हैं. कश्मीर तो हमारी अस्थि मज्जा (बोन मैरो) का हिस्सा है'. उस बैठक में मौजूद लोग बताते हैं कि नटवर सिंह का जवाब सुनकर जिया हक्का-बक्का रह गए थे. दरअसल दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे. दोनों साथ पढ़े थे. जनरल जिया उल हक और नटवर सिंह के बीच स्टूडेंट लाइफ के दौरान ही कुछ गर्माहट थी. दोनों दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़े थे. यही वजह है कि जब सेंट स्टीफंस का एक दल PAK दौरे पर गया तो वहां के टीचर्स और छात्रों को जनरल जिया ने शानदार दावत और ढेरों तोहफे दिए थे.