Navneet Rana Case: सांसद नवनीत राणा से बदसलूकी के आरोपों पर क्या बोले महाराष्ट्र के गृह मंत्री, जान लीजिए
महाराष्ट्र में सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की गिरफ्तारी के बाद भयंकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. इस मामले को लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक जमकर राजनीति हो रही है.
MP Navneet Rana Misbehave case: महाराष्ट्र में सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की गिरफ्तारी के बाद भयंकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. इस मामले को लेकर मुंबई से लेकर दिल्ली तक जमकर राजनीति हो रही है. हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ने के ऐलान से लेकर अपनी गिरफ्तारी के पूरी प्रकरण की जानकारी देने वाली सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने अपने साथ बदसलूकी के जो आरोप लगाए हैं उसको लेकर प्रदेश के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल (Dilip Walse Patil) की सफाई आई है.
बदसलूकी के आरोप गलत
सांसद नवनीत राणा ने पुलिस लॉकअप में अपने साथ बदसलूकी का जो आरोप लगाया था उसे लेकर गृह मंत्री पाटिल ने कहा है कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत हैं. ऐसे बयान पुलिस और प्रशासन के साथ सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश है. किसी को भी राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत नहीं है.
नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिख कर अपनी पीड़ा जताई थी. नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा, 'मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात थाने में गुजारनी पड़ी. रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया. नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं. मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया. मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों तक से दूर रखा गया.'
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लोकसभा सचिवालय ने मांगा जवाब
वहीं इस पूरे मामले पर लोकसभा सचिवालय ने महाराष्ट्र की सरकार से रिपोर्ट मांगी है. वहीं सांसद की गिरफ्तारी और राज्य के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की नजर भी है. आज इसी सिलसिले में MHA ने भी महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट की मांग की है.
क्यों हुई गिरफ्तारी?
महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं का कहना है कि हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी हुई है. वहीं इस मामले पर गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने भी बयान दिया था. दिलीप वलसे ने बताया कि राणा दंपत्ति की गिरफ्तारी हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर नहीं हुई है बल्कि उसकी वजह से जो लॉय एंड ऑर्डर की दिक्कत पैदा हुई थी, इसलिए गिरफ्तारी करनी पड़ी है. इसके साथ ही मंत्री ने नवनीत राणा पर जानबूझकर अशांति पैदा करने का आरोप लगाया.
मंत्री ने कहा, 'नवनीत राणा जानबूझकर अशांति पैदा कर रही थीं. उनके हनुमान चलीसा पढ़ने को लेकर कोई विरोध नहीं था. लेकिन वो दूसरे के घर जा कर क्यों ऐसा करना चाहती थीं? खुद के घर करें. उन्होंने कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा की इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.'
राणा दंपति को राहत नहीं
मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पाठ की बात करने वाले दंपति राणा को आज मुंबई की सेशंस कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. उनकी जमानत अर्जी पर मुंबई की सेशंस कोर्ट में सुनवाई 29 अप्रैल को होगी. मुंबई पुलिस से इस मामले में 29 अप्रैल तक जवाब मांगा गया है.
दोनों पर राजद्रोह का केस
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पर सियासत चरम पर है. राज्य की सत्ता में शामिल नेताओं का कहना है कि राणा दंपति की गिरफ्तारी राज्य की कानून व्यवस्था को चुनौती देने, धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने और दंगा भड़कानेवाली बयानबाजी करने की वजह से हुई है. आपको बता दें कि कोर्ट ने दंपत्ति को 6 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दोनों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.
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