मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) में मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है. दरअसल ठाणे (Thane) शहर के जिलाधिकारी ने उनके सद्गुरु होटल एंड बार के लाइसेंस को रद्द कर दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह बार मायानगरी मुंबई से सटे नवी मुंबई इलाके में मौजूद है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने समीर वानखेड़े पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने जब यह लाइसेंस लिया था, तब उनकी उम्र 18 साल से कम थी.


कलेक्टर के पास चल रही थी सुनवाई


नवाब मलिक के आरोप के बाद इस मामले की जांच ठाणे जिले के कलेक्टर के पास चल रही थी. इस केस में स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी (DC) के पास सौंपी थी. जिसकी सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने सेक्शन 54 के तहत कार्रवाई करते हुए लाइसेंस को रद्द कर दिया है.


ठाणे जिलाधिकारी के पास सुनवाई के दौरान स्टेट एक्साइज डिपार्टमेंट ने जो सबूत पेश किए थे. उसके मुताबिक समीर वानखेड़े के नवी मुंबई स्थित सद्गुरू होटल एंड बार का लाइसेंस 27 अक्टूबर 1997 को जारी किया गया था, तब उनकी उम्र 28 साल से कम थी. हालांकि नियमों को ताक पर रखकर समीर वानखेड़े को लाइसेंस जारी किया गया था.


ये भी पढ़ें- AIMIM नेता वारिस पठान के चेहरे पर पोती कालिख, आरोपी सद्दाम ने बताई ऐसा करने की वजह


नवाब मलिक ने लगाया था आरोप


महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि नवी मुंबई में सद्गुरू रेस्टोरेंट एंड बार नाम का एक होटल चल रहा है. जिसके मालिक समीर वानखेड़े हैं. इस होटल का लाइसेंस समीर वानखेड़े के पिता ने इसे उनके नाम से जारी करवाया था. जब लाइसेंस जारी करवाया गया तब समीर वानखेड़े की उम्र 17 साल 10 महीने 19 दिन थी. यानी समीर वानखेड़े उस समय नाबालिग थे, लेकिन उनके पिता ने इस बात की परवाह न करते हुए एक नाबालिग लड़के के नाम पर एक शराबखाना शुरू करवाया, जो कानूनन अपराध है.


ये भी पढ़ें- सड़क के किनारे लगे होते हैं कई रंग के मील के पत्थर, जानें Milestones के Color का मतलब