New Parliament Building Inauguration: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विपक्ष के इस रुख को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए न कि प्रधानमंत्री को. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्षी पार्टियों को याद दिलाया कि कोई भी गैर-बीजेपी सरकार किसी राज्यपाल को विधानसभा भवन का उद्घाटन या शिलान्यास नहीं करने देती. 


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असम के सीएम ने विपक्ष को याद दिलाए वो मौके


सरमा ने पांच उदाहरणों का हवाला दिया जहां उद्घाटन मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा किया गया था. उन्होंने कहा, पिछले नौ वर्षों में, पांच गैर-बीजेपी राज्य सरकारों ने या तो आधारशिला रखी या एक नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया. सभी या तो मुख्यमंत्री ने किया या फिर पार्टी अध्यक्ष ने. 


उन्होंने कहा, एक भी ऐसा मौका नहीं है जिसमें राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया था. असम के सीएम ने जो उदाहरण दिए उनमें  2014 में झारखंड और असम, 2018 में आंध्र प्रदेश, 2020 में छत्तीसगढ़ और 2023 में तेलंगाना में विधानसभा भवनों की आधारशिला रखना शामिल है.


ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि ये घटनाएं विपक्ष की राजनीतिक बेईमानी को सामने लाती हैं. यह सरासर पाखंड है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के विरोध को अनावश्यक बताया.  उन्होंने कहा, मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. यह राजनीति का समय नहीं है... गैर-मुद्दे का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने की अपील करता हूं.


बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि विरोध 'मोदी से नफरत' अभियान का हिस्सा है, जहां विपक्षी दलों ने पहले नए संसद भवन को 'मोदी महल' करार दिया था. अब वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं. उनका एकमात्र इरादा संसद की पवित्रता को अपवित्र करना है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का बहिष्कार पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी नफरत का एक और प्रतिबिंब है और यह इतना तीव्र हो गया कि इन पार्टियों ने एक ऐसे कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया, जिस पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा. 


बता दें कि कांग्रेस सहित 19 दलों ने 28 मई को होने वाले समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उनकी मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें.


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