नई दिल्ली: श्रीलंका (Sri Lanka) में लिट्टे (LTTE) को फिर से जिंदा करने की कोशिशें हो रही हैं. NIA ने लिट्टे के आतंकी को गिरफ्तार किया है. वह भारत में रह कर पाकिस्तान से श्रीलंका में ड्रग्स और हथियार भिजवाने में जुटा था. जिससे लिट्टे को फिर जिंदा किया जा सके. 


NCB ने मार्च में 6 लोगों को पकड़ा


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सूत्रों के मुताबिक  NCB ने इसी साल 18 मार्च को केरल में Vizhinjam के पास अरब सागर (Vizhinjam Arms case of Kerala ) में एक बोट पकड़ी थी. उस बोट में 6 श्रीलंका (Sri Lanka) के नागरिक सवार थे. उनकी तलाशी लेने पर 300 किलो ड्रग्स और 5 AK-47 राइफल और 9MM पिस्टल की 1000 गोलियां बरामद हुई थीं. 


जांच में पता चला था कि वे सभी लोग पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करके लिट्टे को फिर जिंदा करने की कोशिश में लगे थे. इन्वेस्टिगेशन में यह भी पता चला कि उनका एक साथी भारत में ही मौजूद है, जो इनकी मदद कर रहा है. 


इसके बाद भारत सरकार ने मामले की जांच NIA को सौंप दी, जिससे इस के पीछे शामिल आरोपियों का पता लगाया जा सके. NIA ने 1 मई 2021 को इस मामले की जांच शुरू की और श्रीलंका के नागरिक L.Y Nandana, H.K.G. B Janaka Dassppriya, A.H.S. Mendis Gunasekara, S.A Namesh Chullaka Senarath, Thilanka Madushan Ranasingha और Dadallage Nisanka को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया. 


NIA ने मामले में जांच शुरू की


इस के बाद NIA ने अपनी जांच में पाया कि लिट्टे (LTTE) के बहुत सारे समर्थक अभी भी भारत में है और तमिलनाडु में रह रहे कुछ भारतीय भी उनकी मदद कर रहे हैं. इसके बाद जांच आगे बढ़ाते हुये NIA ने चेन्नई में छिपे बैठे लिट्टे के आतंकी Satkunam उर्फ Sabesan को गिरफ्तार कर लिया. 


यह आतंकी लिट्टे की इंटेलिजेंस विंग में तैनात था और भारत के चेन्नई में छिप कर लिट्टे समर्थकों को इकट्ठा कर रहा था. वह अपने साथियों के जरिए पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी कर रहा था, जिससे इससे इकट्ठे होने वाले पैसों से हथियार इकट्ठे कर फिर से श्रीलंका (Sri Lanka) में लिट्टे को खड़ा किया जा सके. 


बताते चलें कि लिट्टे श्रीलंका का वह आतंकी संगठन है, जिसने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी थी. श्रीलंका में तमिल के साथ भेदभाव पर आपत्ति जताते हुए तमिल संगठनों ने मई 1976 में लिट्टे (LTTE) को बनाया था. बाद में इसका मुख्य मकसद श्रीलंका के उत्तरी हिस्से को काटकर उस पर तमिल ईलम यानी तमिल राष्ट्र की स्थापना करना था. 


तमिलनाडु को अलग करने की कोशिश


लिट्टे ने अपने इस तमिल ईलम के नक्शे भारत के तमिलनाडु राज्य को भी शामिल कर रखा था. यानी कि अगर लिट्टे अपने मंसूबे में कामयाब रहता तो तमिलनाडु को भी भारत से तोड़ने की तैयारी थी. इस संगठन को भारत के तमिल बहुल इलाके से भी मदद मिलती थी. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका में चल रही इस सिविल वार को खत्म करवाने के लिए इंडियन आर्मी की टुकड़ी भेजी थी. 


हालांकि राजनीतिक नेतृत्व की अदूरदर्शिता और असमंजस की वजह से सेना की टुकड़ी अपना टारगेट हासिल नहीं कर पाई और बाद में उसे खाली हाथ लौटना पड़ा. लिट्टे ने इसके बाद 1991 में राजीव गांधी की एक मानव बम धमाके में हत्या कर दी थी. इसके बाद भारत का राजनीतिक और सैन्य तंत्र लिट्टे के पूरी तरह खिलाफ हो गया. 


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श्रीलंका ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को मार गिराया


इसके बाद श्रीलंकाई सेना ने लिट्टे (LTTE) के खिलाफ अपना निर्णायक युद्ध शुरू कर मई 2009 में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को मार गिराया. उसके बाद लिट्टे संगठन खत्म हो गया. हालांकि उसके समर्थक अब भी श्रीलंका और भारत में जहां-तहां छुपे हुए हैं, जो लिट्टे को दोबारा जीवित करने की कोशिश में जुटे हैं. 


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