Nipah Virus India: सब कुछ ठीक रहा तो जानलेवा निपाह वायरस को लेकर भी टेंशन कोरोना की तरह जल्दी खत्म हो जाएगी. जी हां, भारत सहित कई एशियाई देशों को प्रभावित करने वाले इस वायरस के खिलाफ जंग में अच्छी खबर मिली है. ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस वायरस से निपटने के लिए इंसानों पर पहले टीके का टेस्ट शुरू किया है. ‘सीएचएडीओएक्स1 निपाह बी’ टीके के परीक्षण में 18 से 55 साल की उम्र तक के 51 लोग शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व ‘ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप’ करेगा.


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ज्यादातर मरीजों की मौत


शोधकर्ताओं ने कहा है कि निपाह एक घातक संक्रमण है जो लगभग 75 प्रतिशत मामलों में जानलेवा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सिंगापुर, मलेशिया, बांग्लादेश और भारत सहित एशिया के देशों में इसका प्रकोप हुआ है. पिछले साल सितंबर में केरल में भी इसका प्रकोप देखा गया था. यह वायरस सीधे दिमाग पर असर करता है. 


कैसे फैलता है


रिसर्चरों के अनुसार निपाह वायरस फल-चमगादड़ों से फैलता है और संक्रमित जानवरों (जैसे सूअर) के संपर्क में आने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के निकट संपर्क से भी यह फैल सकता है. WHO ने निपाह वायरस को प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में मान्यता दी है जिस पर तत्काल अनुसंधान की आवश्यकता है.


अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह वायरस खसरे जैसे रोगजनकों की तरह ‘पैरामाइक्सोवायरस’ समूह से संबंधित है. निपाह वायरस का पहला प्रकोप 25 साल पहले मलेशिया और सिंगापुर में होने के बावजूद अब तक इसका कोई स्वीकृत टीका या उपचार नहीं है.


ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में टेस्ट संबंधी प्रधान अन्वेषक ब्रायन एंगस ने कहा, ‘निपाह वायरस की पहली बार पहचान 1998 में हुई थी और 25 वर्षों के बाद भी वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में इस विनाशकारी बीमारी के लिए कोई स्वीकृत टीका या उपचार नहीं है.’ एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह परीक्षण इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए उपकरणों का समूह बनाने के प्रयासों में एक कदम आगे है. (तस्वीर- ट्विटर से साभार)