Tension increased in Kashmir due to social media post: कश्मीर घाटी में खुले एनआईटी परिसर में विरोध प्रदर्शन और तनाव बढ़ता देख अधिकारियों ने सेमेस्टर परीक्षाओं के बीच में शीतकालीन छुट्टियों की घोषणा कर दी है. पिछले दो दिनों से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले ईशनिंदा मैसेज को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर एनआईटी-श्रीनगर के भीतर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. हालात ज्यादा न बिगड़ जाएं, इसे देखते हुए संस्थान में अचानक शीतकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं. स्टूडेंट्स से कहा गया है कि वे तुरंत हॉस्टल खाली करके चले जाएं. 


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लोकल स्टूडेंट्स कर रहे विरोध प्रदर्शन


रिपोर्ट के मुताबिक गैर-स्थानीय छात्र की पोस्ट पर लोकल स्टूडेंट्स की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद कैंपस में पिछले दो दिनों से पढ़ाई का काम बंद था. इस कथित पोस्ट पर कश्मीर घाटी के कॉलेजों में पढ़ने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स भड़के हुए हैं. बुधवार को कश्मीरी के इस्लामिया कॉलेज और अमरसिंह कॉलेज के स्टूडेंट्स के भी गैर-स्थानीय छात्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.


गेट बंद करके लगाए उत्तेजक नारे
   
अधिकारियों ने बताया कि जिस गैर-स्थानीय छात्र ने यह टिप्पणी की थी, उसे छुट्टी पर घर भेज दिया गया है. अफसरों के मुताबिक प्रदर्शनकारी छात्रों ने शहर के निगीन इलाके में संस्थान के दोनों गेटों को बंद कर दिया और परिसर के अंदर उत्तेजक नारे लगाए. विरोध न केवल एनआईटी तक सीमित रहा, बल्कि घाटी के दो और प्रमुख कॉलेजों में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके चलते अधिकारियों को उन दोनों संस्थानों में पढ़ाई का काम बंद करवाना पड़ गया. 
   
कश्मीर घाटी के आईजी वीके बिर्दी ने कहा कि एनआईटी श्रीनगर के रजिस्ट्रार के अनुरोध पर पुलिस ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है. आरोप है कि सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया. पुलिस कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. 


छात्र के खिलाफ कार्रवाई पर विचार


अधिकारियों ने कहा कि संस्थान सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करने के लिए छात्र के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी (इंटेलिजेंस) आर.आर. स्वैन ने जम्मू में मीडिया से बात करते हुए लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध किया और कहा कि कानून किसी को भी प्रॉफिट मोहम्मद (PBUH) का अनादर करने की अनुमति नहीं देगा.


डीजी आर.आर. स्वैन ने कहा, 'हमारा कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित न करे, ऐसे लोग हैं जो भावनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं और सद्भाव को बाधित करना चाहते हैं. लेकिन सांप्रदायिक सद्भाव जम्मू कश्मीर का गौरव रहा है. "लोगों को उन लोगों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए जिनके निहित स्वार्थ हैं और स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं" उन्होंने कहा कि हम किसी को भी किसी भी धर्म का अनादर करने की अनुमति नहीं देंगे और कानून अपनी कार्रवाई करेगा, लोगों को हम पर भरोसा करना चाहिए.'


डीजी ने जारी की चेतावनी


डीजी स्वैन ने चेतावनी दी, 'धारा-144 के तहत Code of Criminal Procedure कानून लाकर कोई भी सामग्री, संदेश, वीडियो, फोटो या ऑडियो - जो सांप्रदायिक संवेदनशीलता को नुकसान पहुंचा सकती है या किसी को धमकी दे सकती हो, आतंकवादी या ऐसे तत्व, हम उसे अपराध बना देंगे.'


बयान के तुरंत बाद, डीसी कुपवाड़ा ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया, जो आम जनता को आतंकवादियों और उनके कार्यों का महिमामंडन करने वाले किसी भी संदेश या सामग्री को पोस्ट', अपलोड, फॉरवर्ड या शेयर करने से रोकता है. वही इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया  दी है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा था कि सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.


वर्ष 2016 में हो चुका है बवाल 


बता दें कि 2016 की शुरुआत में टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत के वेस्टइंडीज से हारने के बाद स्थानीय छात्रों ने जश्न मनाया था, जिसका वहां पढ़ रहे गैर-स्थानीय छात्रों ने विरोध किया था. इस झड़प ने संस्थान को हिलाकर रख दिया था. उस समय यह एक बड़ा मुद्दा बन गया था, जिसे ध्यान में रखते हुए अधिकारी इस बार शुरू में ही अलर्ट हो गए हैं और हालात को कंट्रोल करने के लिए ऐहतियाती कदम उठा रहे हैं.