Noida Air Pollution Hotspot: व्यस्त इलाकों में रोजाना जाम की समस्या, गड्ढों से भरी सड़कें, हर गुजरते वाहन के साथ धूल का गुबार, कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधियां हर सर्दी में नोएडा को गैस चैंबर में बदल देती हैं. हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की ज्यादा समस्या होती है और नोएडा में भी हवा खराब स्तर पर पहुंच जाती है, लेकिन इस बार नोएडा इसमें आगे निकलता दिख रहा है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने एक कार्य योजना तैयार की है और शहर के 10 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं.


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प्रदूषण के हॉटस्पॉट में इस बार शामिल हुए ये इलाके


यूपीपीसीबी नोएडा के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कई फील्ड सर्वे के बाद प्रदूषण हॉटस्पॉट की सूची तैयार की गई है. पिछले साल की लिस्ट में तीन नए इलाके शामिल किए गए हैं, जिनके आसपास निर्माण गतिविधियां चल रही हैं. प्रदूषण के हॉस्पॉट में इस बार नोएडा सेक्टर 151-158, सेक्टर 50-51 और सेक्टर 140-143 शामिल हो गया है.


इन इलाकों में भी हवा जहरीली


प्रदूषण के अन्य मुख्य केंद्र यमुना पुश्ता, सेक्टर 116/115/7X, नोएडा एक्सप्रेसवे, दादरी रोड, सेक्टर 62-104 खंड, दिल्ली की ओर सेक्टर 62 रोड और एमिटी यूनिवर्सिटी के आसपास का क्षेत्र हैं. उत्सव शर्मा ने कहा, 'कंस्ट्रक्शन वर्क्स, सड़क की धूल और यातायात से निकलने वाली धूल को क्षेत्र में PM10 और PM2.5 के स्तर में वृद्धि के प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया है. इसलिए, नोएडा प्राधिकरण को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने के लिए भी कहा गया है, जो इसका प्रमुख कारण है.'


प्रदूषण कंट्रोल के लिए एक्शन प्लान


वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा 17 सितंबर को संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जारी किए जाने के बाद ये निर्देश जारी किए गए. पिछले सप्ताह डीएम ने 31 विभागों- नोएडा प्राधिकरण, यातायात पुलिस, सिंचाई विभाग, प्रदूषण विभाग और खनन विभाग को इन उपायों को लागू करने का निर्देश दिया. उदाहरण के लिए, यमुना पुश्ता रोड पर अधिकारियों को गश्त बढ़ाने, अनधिकृत खनन और निर्माण सामग्री के अंतरराज्यीय परिवहन को रोकने और अधिकृत खनन स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाने का निर्देश दिया गया है.


सेक्टर 116/115/7x, नोएडा एक्सप्रेसवे, दादरी रोड और सेक्टर 62-104 खंड में, नोएडा प्राधिकरण को पानी के छिड़काव और मैकेनिकल स्वीपिंग शुरू करने का निर्देश दिया गया है. यातायात पुलिस को एक्सप्रेसवे और अन्य व्यस्त खंडों पर यातायात के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त जनशक्ति तैनात करने का निर्देश दिया गया है. सेक्टर 150-158 के लिए प्राधिकरण को साप्ताहिक सड़क धुलाई और धूल हटाने के लिए एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया गया है. उन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि सड़कों पर धूल दबाने वाले पदार्थों का उपयोग किया जाए और निर्माण और विध्वंस कचरे का उचित प्रबंधन किया जाए.