Maharashtra News: महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट और भाजपा के बीच सियासी जंग बढ़ती जा रही है. शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र में या तो देवेंद्र फडणवीस रहेंगे या तो हम. ठाकरे ने अपने नेताओं से भी कहा कि अगर वे उस खेमे में जाना चाहते हैं तो अभी चले जाएं. ठाकरे ने भाजपा पर एक के बाद एक कई गंभीर आरोप लगाए.


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उद्धव ठाकरे ने भाजपा को घेरा


उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब या तो देवेंद्र फडणवीस रहेंगे या हम रहेंगे.. उद्धव ठाकरे ने बुधवार को उद्धव गुट की शिवसेना मीटिंग में कहा कि बीजेपी ने शुरुआत से ही, जोड़ो-तोड़ो की राजनीति की है. मैं आज इस मंच से ऐलान करता हूं कि जिसको जाना है वो अभी जाए.


देवेंद्र फडणवीस पर जमकर बरसे


उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज तक हम सहते रहे हैं. अब तक टिके भी हुए हैं. अब सहन नहीं किया जाएगा. अब या तो वो रहेंगे या हम रहेंगे. देवेंद्र फडणवीस ने तो राजनीति करते हुए मुझे और आदित्य को जेल में डालने की तैयारी तक कर ली थी. आज में ऐलान करता हूं कि महाराष्ट्र में अब या तो देवेंद्र फडणवीस रहेंगे या तो हम रहेंगे.


भाजपा पर लगाया गंभीर आरोप


उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया कि विधानसभा चुनावों से पहले आने वाले दिनों में शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा के बीच संघर्ष तेज होगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में कई प्रमुख नेताओं ने उनसे मुलाकात की और देश को सही रास्ता दिखाने के लिए उनका समर्थन किया. ठाकरे ने आगे भाजपा पर तीखा हमला किया और उन्हें चोरों का समूह कहा.


पीएम मोदी को घेरा


ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के नतीजे का जिक्र करते हुए कहा कि हमने लोकसभा चुनाव इस तरह लड़ा कि पीएम मोदी के भी पसीने छूट गए. अब मुझे उनके भाषणों को सुनकर दया आती है. मैं कभी नगर पार्षद नहीं बना; मैं सीधे मुख्यमंत्री बन गया. मैंने हर संभव कोशिश की. यह हमारे लिए आखिरी चुनौती है; इसके बाद कोई हमें चुनौती नहीं देगा. उन्होंने हमारी पार्टी और परिवार को तोड़ दिया. अब वे हमें चुनौती देने के लिए खड़े हैं. शिवसेना जंग लगी तलवार नहीं बल्कि चमकती तलवार है. हमें मुंबई को बचाने के लिए लड़ना पड़ा. हमारे साथ हमारे हक की मुंबई में ऐसा व्यवहार किया जा रहा है. दो व्यापारी यह सब कर रहे हैं. हमें उनकी मानसिकता को पूरी तरह से उखाड़ फेंकना होगा.


अनिल देशमुख ने भी कहा था..


उद्धव ठाकरे से पहले एनसीपी (सपा) नेता अनिल देशमुख ने दावा किया था कि नेता प्रतिपक्ष रहते हुए फडणवीस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और यहां तक ​​कि पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजीत पवार के खिलाफ हलफनामे पर हस्ताक्षर कराने के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. शरद पवार के करीबी देशमुख ने यह भी दावा किया कि जब फडणवीस गृह मंत्री थे तब एक ‘बिचौलिए’ ने कथित तौर पर उन्हें फडणवीस का संदेश पहुंचाया था.