NSG Security Drill: संसद पर दोबारा से आतंकी हमला न हो सके, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों लगातार अपनी चौकसी को क्रॉस चेक करती रहती हैं. देश की इलीट सिक्योरिटी एजेंसी एनएसजी ने भी संसद भवन और आसपास के इलाकों में सिक्योरिटी ड्रिल कर अपनी तैयारियां परखीं. संसद परिसर के पास आज शाम एक मॉक ड्रिल की गई. इस मॉक ड्रिल में एक पैराग्लाइडर को उड़ाया गया, जिसका मकसद संसद भवन की सुरक्षा को पुख्ता करना था. 


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लुटियंस जोन में पैराग्लाइडर के ज़रिए उड़ान


दरअसल, NSG के कमांडो ने पैराग्लाइडर के ज़रिए लुटियंस ज़ोन में उड़ान भरी. ये पैलाग्लाइडर संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के पास उड़ता नज़र आया. NSG के पैरा टूपर्स ने इस उड़ान के ज़रिए संसद भवन के पास का एयर सर्वे किया, जिसका मकसद आतंकी हमले की स्थिति में संसद भवन और इसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा को पुख्ता करना था. 


इमरजेंसी में आसमान से किया जा सके हमला


मतलब ये कि अगर, कोई आतंकी हमला होता है, तो उस स्थिति में पैराग्लाइडर्स की मदद से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा सके. यही नहीं पैराग्लाइडर्स के जरिए एक पूरे इलाके को बहुत कम देर में क्वॉर्डन ऑफ भी किया जा सकेगा. 


संसद की छत पर उतरे एनएसजी कमांडोज


बताते चलें कि इससे पहले NSG कमांडोज ने संसद की सुरक्षा को लेकर हेलिकॉप्टर से भी एक सर्वे किया था. इस मॉक ड्रिल में दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी विंग को भी शामिल किया गया था. संसद की सुरक्षा के मद्देनजर करीब 15 मिनट ये मॉकड्रिल की गई थी. इस दौरान हेलिकॉप्टर के जरिए कुछ कमांडो संसद भवन की छत पर भी उतरे थे. 



NSG की यह ड्रिल दिल्ली-NCR के करीब 100 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के बीच हुई. जांच में यह धमकी सिर्फ धमकी निकली. किसी भी स्कूल से विस्फोटक बरामद नहीं हुआ. यही नहीं, जिन स्कूलों को ई-मेल के ज़रिए बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, वहां सबकुछ ठीक नज़र आया. 


लोगों को याद आ गया संसद अटैक का मंजर


ऐसे में एनएसजी की ड्रिल से लोगों के कान खड़े हो गए. लोगों की आंखों के सामने 13 दिसंबर 2001 का नजारा घूम गया, जब आतंकियों के हमले में संसद सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों समेत 9 लोग मारे गए थे और 18 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. हालांकि गनीमत इस बात की रही कि कोई भी सांसद आतंकियों का निशाना नहीं बना.