Reopened all four gates of Shree Jagannath Temple: ओडिसा में बीजेपी ने चुनाव से पहले जनता से वादा किया था कि अगर सरकार बीजेपी की आई तो जगन्नाथ धाम (Odisha Jagannath Puri Temple) के चारों द्वार खुलवा देंगे. 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार आ गई, 12 जून को मोहन चरण माझी को सीएम बनाया गया, और सीएम की शपथ लेते ही माझी ने अपना चुनावी वादा मात्र 24 घंटे में पूरा कर दिया. आइए जानते हैं किसने बंद कराया था जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple)  दरवाजा, किस लिए बंद हुआ था जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple). 


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जगन्नाथ मंदिर के खोले गए सभी चारों द्वार
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भाजपा सरकार का एक चुनावी वादा पूरा कर दिया है. गुरुवार को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सभी चार प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी अपने मंत्रिपरिषद और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ सुबह मंदिर पहुंचे और भक्तों के लिए मंदिर के सभी प्रवेश द्वार अपने सामने खुलवाया.


मंदिर के चारों दरवाजे करें दर्शन



सीएम बोले- आज मनोकामना पूरी हुई
सीएम माझी ने कहा, ''बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अपने पहले फैसले में गुरुवार सुबह मंगल आरती के बाद मंदिर के दरवाजे खोलने का फैसला लिया गया था. भगवान जगन्नाथ की कृपा से आज यह काम पूरा हो गया.'' उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार मंदिर के प्रबंधन से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी काम करेंगी. सीएम माझी ने अन्य मंत्रियों के साथ त्रय (जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा) के 'दर्शन' किए और मंदिर के चारों ओर 'परिक्रमा' भी की.


2021 को बंद कर दिया गया था द्वार
कोरोना महामारी के दौरान पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार को भक्तों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. इसके बाद 24 नवंबर 2021 को परिक्रमा परियोजना के शिलान्यास के समय मुख्य द्वार को छोड़कर तीन द्वार को बंद कर दिया गया था.


नवीन पटनायक की सरकार ने बंद कराए थे दरवाजे
कोरोना काल में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार ने मंदिर के अश्व द्वार (उत्तर द्वार), व्याघ्र द्वार (पश्चिम द्वार) और हस्ति द्वार (दक्षिण द्वार) बंद करने के आदेश दिए थे. सिर्फ सिंह द्वार ही खुला था, जिससे श्रद्धालु मंदिर में आते-जाते थे. इस कारण मंदिर में भारी भीड़ और लंबी कतारें लगी रहती थीं. देर तक मंदिर के बाहर कतार में खड़ा होना पड़ता था. इससे पुरी शहर एवं स्थानीय मठ मंदिर के श्रद्धालुओं को ज्यादा असुविधा हो रही थी.

जनता की मांग, खुले चारों दरवाजे
कुछ समय बाद मंदिर के चारों द्वार खोलने की मांग हुई और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन एवं आंदोलन भी हुआ. पुरी के लोग एवं विभिन्न संगठन तथा राजनीतिक दल की तरफ पुरी बंद किया गया. इसके बाद सरकार ने 24 जुलाई 2023 को केवल सेवक एवं पुरी के लोगों के लिए पश्चिम द्वार खोला.


हालांकि, सिंह द्वार की तरफ से बैरिकेड लगाने से बुजुर्ग, महिला एवं बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ता था. परिक्रमा परियोजना की आड़ में पूर्व राज्य सरकार ने भक्तों के लिए चार द्वार प्रवेश बंद किया था. 27 जनवरी 2024 को परिक्रमा परियोजना का लोकार्पण हुआ फिर भी सभी द्वार नहीं खोले गए.


राज्य सरकार रही चुप
पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवक एवं प्रबंधन कमेटी ने चारों द्वार खोलने की मांग की. हालांकि कोई लाभ नहीं हुआ. सब कुछ जानकर राज्य सरकार चुप बैठी रही.


बीजेपी के आते ही खुल गए दरवाजे
भाजपा की सरकार बनने के तुरंत बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार भक्तों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया. खुद मुख्यमंत्री सुबह-सुबह महाप्रभु के दर पर आशीर्वाद लेने पहुंचे. मंदिर के चारों द्वार खोले जाने पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि लंबे समय से चला आ रहा इंतजार आज खत्म हो गया है, इसके साथ ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण हुई है.