Rescue Operation By Local People: ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के दर्दनाक हादसे के बाद बचाव और राहत का कार्य जारी है. उधर रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हादसे की वजह से कई ट्रेनें आज कैंसिल हो गई हैं. इधर हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में योगदान दिया. लोग मदद के लिए चीख-पुकार मचा रहे थे और इन सबके बीच बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने ट्रेन में फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की. स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका, जिसमें बच्चे और घायल भी शामिल रहे.


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दरअसल, हादसा ऐसा था कि एक बार में कुछ समझ ही भी नहीं आ सका. पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर आई. इसके बाद हावड़ा एक्सप्रेस भी टकरा गई. इसके बाद मानों आसमान टूट पड़ा, वहां चीख पुकार मच गई. आवाज सुनने के बाद स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने देखा कि ट्रेन की बोगी में कई लोग फंसे हुए हैं. इसके बाद फंसे लोगों को अंदर से निकालने का काम शुरू हुआ. तत्काल ट्रेन में फंसे करीब 300 से 400 लोगों को बाहर निकाला गया.


इसके अलावा हादसे के बाद बड़ी संख्या में लोग रक्तदान करने पहुंचे. घायलों को रक्तदान करने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. इसके अलावा राहत और बचाव कार्य में टीमों के साथ स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान के लिए कैंप लगा दिया है जहां लोग रक्तदान कर रहे हैं. इस बचाव कार्य में भी स्थानीय लोग जमकर मदद कर रहे हैं. वे घायलों को अस्पताल पहुंचाने समेत कई कामों में सहयोग कर रहे हैं. 


घायलों के इलाज के लिए अचानक से खून की डिमांड बढ़ गई और तमाम यूनिट्स ब्लड की जरुरत पड़ गई. बताया गया कि बालासोर में रात भर में 500 यूनिट खून एकत्र किया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट मुताबिक वहां युवाओं की भीड़ जमा है और लंबी लाइन लगी है. युवाओं के हाथ में फॉर्म दिख रहे. कुछ 2 घंटे से खड़े, तो कोई 4 घंटे से खड़ा था. ये वे युवा हैं जो मेडिकल कॉलेज में ब्लड डोनेट करने आए हैं. 


बता दें कि देश को हिला देने वाली यह दुर्घटना शुक्रवार शाम कोलकाता से 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किमी उत्तर में बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुई है.