नई दिल्लीः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों और खतरों के बारे में वर्तमान में काफी चर्चा हो रही है. इस बीच गॉडफादर ऑफ AI माने जाने वाले ज्योफ्री हिंटन ने एक बार फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि ये मॉडर्न एज टेक्नोलॉजी अगले 30 साल में इंसानियत के सफाए की वजह बन सकती है.
एआई के बढ़ते खतरे पर की बात
नोबेल पदक विजेता ज्योफ्री हिंटन ने बीबीसी के साथ इंटरव्यू में कहा कि एआई से मानवता के सफाए की आशंका 10 से 20 फीसदी तक बढ़ गई है और अगले 20 साल में ये टेक्नोलॉजी इंसानियत के सफाए की वजह बन सकती है. उन्होंने कहा कि एआई की वजह से मानवता के सफाए की आशंका 10 फीसदी है लेकिन जिस तेजी से इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, इससे खतरा बढ़ता ही जा रहा है.
आदमी से ज्यादा स्मार्ट न हो जाए AI
उन्होंने कहा कि क्या आपने सुना है कि ज्यादा बुद्धिमान को कम बुद्धिमान कंट्रोल करे? उन्होंने चेतावनी दी कि खराब सोच वाले लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग कर सकते हैं. साथ ही उन्हें आशंका है कि आने वाले समय में एआई टेक्नोलॉजी इंसान से भी ज्यादा स्मार्ट न हो जाए. उनकी यह आशंका डराने वाली है. हालांकि उन्होंने इससे बचने के उपायों पर भी बात की.
हिंटन ने बचने के उपाय भी बताए
ज्योफ्री हिंटन ने बताया कि एआई को कंट्रोल करने की जरूरत है. इसके लिए अलग-अलग देशों की सरकारों को कानून बनाकर इस टेक्नोलॉजी को कंट्रोल करने की आवश्यकता है. ताकि बड़ी कंपनियां अपने निजी हितों के लिए इसका असुरक्षित इस्तेमाल न करें. क्योंकि उन्हें आशंका है कि सिर्फ फायदा कमाने का उद्देश्य रखने वाली कंपनियों पर अगर निर्भर रहा गया तो इसका सुरक्षित इस्तेमाल सुनिश्चित नहीं हो पाएगा.
बता दें कि ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को संभव बनाने वाली खोज करने के लिए अमेरिका के जान हापफील्ड के साथ इस साल फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्होंने बीते साल गूगल छोड़ दिया था और वह पूरी दुनिया में एआई के खतरों पर बात करते हैं.
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