Om Birla: `थोड़ा कानों को ठीक रखो कल्याण बाबू`, स्पीकर ओम बिरला ने क्यों कही ये बात?
Lok Sabha Proceedings: इसी तरह ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान डीएमके नेता टी आर बालू से चुटीले अंदाज में सवाल किया कि क्या वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं.
आज जब लोकसभा में सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो ओम बिरला अलहदा अंदाज में दिखे. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और डीएमके नेता आर बालू पर व्यंगात्मक टिप्पणी की. दरअसल प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछने के लिए आसन से नाम पुकारे जाने पर जब बनर्जी खड़े नहीं हुए जो बिरला ने कहा, ‘‘थोड़ा कानों को ठीक रखो कल्याण बाबू.’’
इसी तरह ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान डीएमके नेता टी आर बालू से चुटीले अंदाज में सवाल किया कि क्या वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं. उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की जब बालू ने मनरेगा से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछा.
बालू ने इस मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में मनरेगा का मानदेय कम होने का दावा किया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या बालू जी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात में पार्टी का विस्तार करना चाह रहे हो?’’
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स्पीकर महोदय जब हुए नाराज...
प्रश्नकाल में जहां ओम बिरला व्यंग्यात्मक लहजे में दिखे वहीं शून्यकाल में उन्होंने नाखुशी भी जाहिर की. दरअसल शून्यकाल शुरू होने से पहले कार्यसूची में विभिन्न मंत्रियों के नाम से अंकित दस्तावेज संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा प्रस्तुत किए जाने पर अप्रसन्नता जताते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संबंधित मंत्रियों को सदन में उपस्थित रहना चाहिए.
सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे कार्यसूची में अंकित आवश्यक कागजात संबंधित मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर रखे जाते हैं. मंत्रियों के सदन में उपस्थित नहीं होने पर उनकी ओर से सामान्य तौर पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री इन्हें प्रस्तुत करते हैं. मंगलवार को सदन में जरूरी प्रपत्र पेश किए जाने के दौरान वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के नाम पर अंकित एक दस्तावेज को संसदीय कार्य राज्य मंत्री मेघवाल ने रखा.
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इसके बाद गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार को अपने नाम से अंकित दस्तावेज सदन के पटल पर प्रस्तुत करना था और उन्हें कठिनाई होने पर अन्य मंत्री उन्हें बता रहे थे. इस पर बिरला ने मंत्रियों से कहा, ‘‘आप एक-दूसरे को मत समझाओ.’’ उन्होंने मेघवाल से ही संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा.
इसके बाद जब मेघवाल ने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान के नाम पर अंकित एक कागजात भी प्रस्तुत किया तो अध्यक्ष बिरला ने नाखुशी जताते हुए कहा, ‘‘संसदीय कार्य मंत्री जी, यह प्रयास करो कि जिन मंत्री का नाम कार्यसूची में है, वे सदन में उपस्थित रहें. नहीं तो आप ही सारे जवाब दे दो.’’ इस दौरान सदन में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू भी उपस्थित थे.