मध्य प्रदेश में मांडू में एक सुल्तान था. उज्जैन के पास उसका महल था. जिसमें अकूत खजाना था. सुल्तान मर गया. कहा जाता है कि उसका खजाना बेशकीमती था.जो उसके रहस्यमई किले में महफूज रखा है. महल और तहखाना करीब 700 साल पुराना है. जिसकी पहरेदारी नाग-नागिन का एक जोड़ा करता है. सुल्तान के ऐसे तमाम किस्से शायद आपने भी सुने होंगे. जिन्होंने हमें भी रोमांचित किया. सोशल मीडिया पर भी इसका खूब बज देखा जा सकता है. खंडहर में तब्दील हो चुके इस महल और उसके तहखाने में छिपे अकूत खजाने और उसकी रखवाली कर रहे नाग-नागिन के जोड़े के रहस्यमयी किस्सों की पड़ताल की ज़ी न्यूज़ ने. हमने सुना था, पूरे महल का कोना कोना छान मारने पर भी नाग-नागिन का कहीं अता-पता नहीं चलता. लेकिन जैसे ही ज़ी न्यूज़ की टीम महल के 7 दरवाजों में से किसी एक दरवाजे की तरफ बढ़ी, तभी अचानक ये जोड़ा साक्षात हरकत में आ गया.


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इस नाग-नागिन के जोड़े के किस्से पूरे हिंगोलिया इलाके में मशहूर है. हमारी टीम जब सुल्तान के महल की तरफ बढ़ रही थी, तभी हमें ग्रामीणों ने इस जोड़े को लेकर आगाह किया था. मांडू के सुल्तान के इस रहस्यमयी महल की एक-एक गुत्थियां समझने के लिए हमारी टीम एक स्थानीय पुरातत्व विशेषज्ञ आर.सी. ठाकुर को भी साथ ले गई थी. आर.सी. ठाकुर हमें अभी महल के खजाने और रहस्यों के बारे में बता ही रहे थे, कि सामने से हल्की सी सरसराहट और फिर फुंफकार की आवाज सुनाई दी. आर.सी ठाकुर ने बताया कि सुल्तान के गुप्त खजाने के साथ नाग-नागिन की मौजूदगी इस महल का सबसे बड़ा रहस्य है. इस खंडहर में जिस तहखाने की पहरेदारी करता है नाग-नागिन का ये जोड़ा, उसके बारे में कई तरह के किस्से कहानियां मशहूर है.


महल के आस पास कुछ गड्ढे थे, ये तहखाने में छिपे हीरे जवाहरात की तलाश में खोदे हुए गड्ढे थे. बरसों से लोग इस इलाके में आते है और कोई तंत्र साधना या फिर किसी अनुमान के आधार पर खुदाई करते हैं. लेकिन नाग-नागिन के पहरेदारी इतनी सख्त है, कि आज तक कोई भी महल के दरवाजों के भीतर नहीं जा सका. कहा जाता है कि जिसने जाने की कोशिश की, वो कभी जिंदा नहीं लौटा.