Suchir Balaji's mother statement: ओपनएआई व्हिसिलब्लोवर सुचिर बालाजी की मां ने बेटे की मौत को सुसाइड नहीं हत्या बताते हुए केस की सच्चाई सामने लाने की मांग की है. एक इंटरव्यू में अपने बेटे की मौत को सामान्य मानने से इनकार कर चुकी मां ने बेटे की रहस्यमयी मौत की जांच को लेकर भी सवाल उठाए हैं. आपको बताते चलें कि 26 साल के सुचिर  बालाजी पिछले महीने अपने सैन फ्रांसिस्को अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे. सुचिर ने अक्टूबर में कंपनी पर कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.


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मौत की जांच गलत दिशा में: मां


सुचिर बालाजी की मां पूर्णिमा रामाराव ने अपने बेटे की मौत की जांच में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उनके बेटे की मौत की जांच जब प्राइवेट तरीके से की तो चीजें कुछ और इशारा कर रही हैं, जिसकी फैक्ट फाइंडिंग्स लोकल पुलिस की जांच से मेल नहीं खा रही हैं.


इंडिया टुडे को दिए स्पेशल इंटरव्यू में, बालाजी की मां ने कहा, उन्होंने ये पता करने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया कि बेटे के अपार्टमेंट में मिले खून के धब्बे आत्महत्या का मामला लगते हैं कि नहीं लगते हैं. आपको बताते चलें कि उनके बेटे के शरीर को देखने के बाद मेडिकल ऑफिसर ने इसे आत्महत्या का केस करार दिया था. वहीं मां ने जब चैटजीपीटी से पड़ताल की तो उन्हें पता चला कि उनके बेटे के अपार्टमेंट में मिले खून के धब्बे कहीं से भी आत्महत्या का मामला नहीं लगते हैं. 


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बालाजी की मौत क्यों संदिग्ध?


अगस्त में ओपनएआई छोड़ने वाले बालाजी ने ओपनएआई की डेटा-कलेक्शन के तरीकों और चैटजीपीटी को डेवलप करने में कथित कॉपीराइट उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे. बालाजी की मां ने दावा किया कि बेटे के पास ऐसे तमाम अहम दस्तावेज और जानकारी थी जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडस्ट्री की दुनिया में भूकंप ला सकते थे. पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि बेटे को द न्यू यॉर्क टाइम्स (NYT) द्वारा ओपनएआई के खिलाफ़ दायर किए गए मुकदमे में संभावित गवाह के रूप में नामित किए जाने के एक हफ्ते बाद उसे मृत पाया गया, इससे भी साजिश का शक होता है.


शोक में डूबी मां ने कहा, 'केस में गवाही हो जाती तो उसका असर पूरी एआई इंडस्ट्री पर पड़ता'. उन्होंने सुचिर की मौत को हत्या करार देते हुए एफबीआई से जांच की मांग की है. मां को लगता है कि सच्चाई का खुलासा करने की कीमत बेटे को जान देकर चुकानी पड़ी.