कोलकाता: पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने शनिवार को कहा कि आम चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में विपक्षी दलों को चाहिए कि वे आपसी मतभेद भुलाकर और एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ें. जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख ने सलाह दी कि वरिष्ठ नेताओं का एक छोटा समूह बनाया जाना चाहिए जो एक खाका तैयार करने पर फैसला करेगी कि वे सुशासन कैसे देंगे.


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उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ सीधी लड़ाई हो, यह सुनिश्चित करने के लिये आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सीट बंटवारे के कठिन कार्य को भी सुलझा लिया जाना चाहिए. यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ममता बनर्जी द्वारा आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'जनता नयी सरकार चाहती है.'  


'मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एक स्थिर सरकार की जरूरत'
देवगौड़ा ने कहा, 'मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एक स्थिर सरकार की जरूरत है. लेकिन 2014 के चुनाव में 282 सीटें पाने के बाद भी नरेंद्र मोदी एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करने के बजाय देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को तहस-नहस करना और सभी संवैधानिक संस्थानों को बर्बाद कर देना चाहते हैं.'  


उन्होंने कहा कि अक्सर यह सवाल पूछा जाता है कि मोदी के बाद प्रधानमंत्री कौन होगा. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को निश्चित रूप से यह आत्मविश्वास होना चाहिए कि वे पांच साल तक स्थिर सरकार दे सकते हैं और यह रैली में एकत्र नेताओं द्वारा सुनिश्चित भी किया जाना चाहिए.


'विपक्ष को यह दिखाना होगा कि वह स्थिर सरकार दे सकता है'
देवगौड़ा ने कहा कि पीएम मोदी दावा करते हैं कि गठबंधन सरकार अस्थिर होती है और यह कुछ हासिल नहीं कर सकती, लेकिन विपक्ष को यह दिखाना होगा कि वह स्थिर सरकार दे सकती है और राष्ट्र का विकास भी कर सकता है.


जून 1996-अप्रैल 1997 के बीच अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसने (तत्कालीन सरकार ने) असम में बोगीबील पुल परियोजना को मंजूरी दी जिसका हाल में प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया.


उन्होंने कहा, 'दिल्ली मेट्रो की मंजूरी भी मेरी सरकार ने दी, 36 करोड़ गरीबों को रियायती दर पर चावल, गेहूं और केरोसीन तेल देकर मदद की गई.' उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन सरकार जनता और राष्ट्र का विकास सुनिश्चित कर सकती है.


(इनपुट - भाषा)