All party meet LIVE Row: आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon session 2024) से पहले हुई सर्वदलीय बैठक की कार्यवाही की जानकारी कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा LIVE पोस्ट करने की तीखी आलोचना हो रही है. बीजेपी समेत एनडीए में शामिल सभी दलों ने ऐसा करने पर कांग्रेस को घेरा है. कांग्रेस नेता द्वारा सर्वदलीय बैठक की बातें सोशल मीडिया पर लीक करने को आपत्तिजनक कृत्य बताते हुए NDA के घटक दलों ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी को अगली बार से ऐसी अहम बैठकों में 'किसी अधिक अनुभवी' नेता को भेजने पर विचार करना चाहिए. 


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क्या है पूरा मामला?


दरअसल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को उसी वक्त सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा कर दिया. इसके लिए वह सत्ताधारी गठबंधन के निशाने पर आ गए. NDA के प्रमुख सहयोगी JD (U) के MP संजय कुमार झा ने खुद बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से अपनी बात रखी थी लेकिन जब उन्हें पता चला कि जयराम रमेश सोशल मीडिया पर सर्वदलीय बैठक का लाइव अपडेट दे रहे हैं तो उन्होंने रमेश का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आल पार्टी मीट की चर्चा का ‘लाइव अपडेट’ सोशल मीडिया पर डाल रहे थे. उन्होंने कहा, 'काश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने संसदीय कार्यवाही की शुचिता का सम्मान किया होता.'


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झा ने कहा, 'मैं बिहार के मुद्दों पर JD(U) की स्थिति पर प्रकाश डाल रहा था. वहीं एक कांग्रेस नेता ‘X’ पर मेरे हवाले से लाइव अपडेट पोस्ट कर रहे थे.'


किरेन रिजीजू ने उठाए सवाल


संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भी इसकी आलोचना करते हुए संसदीय परंपराओं का सम्मान करने का आह्वान किया. रीजीजू ने झा की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी को संसदीय परंपराओं की शुचिता और प्रोटोकॉल को बनाए रखना चाहिए.' वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने झा पर तंज करते हुए कहा, ‘झा साहब, सर्वदलीय बैठक और संसदीय कार्यवाही में अंतर होता है.’


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खेड़ा ने संसदीय परंपराओं और शुचिता को बनाए रखने के आह्वान के लिए रीजीजू पर भी निशाना साधा. रीजीजू के पोस्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘जिस तरह संसद से राहुल गांधी के वीडियो लीक करके शुचिता, मर्यादा और प्रोटोकॉल को बनाए रखा गया.’


बैठक में शामिल रमेश ने दावा किया था कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में JD(U) और YSR कांग्रेस दोनों ने बिहार और आंध्र के लिए स्पेशल स्टेट का दर्जा देने की मांग की लेकिन 'अजीब' बात यह रही कि एनडीए का अहम घटक दल TDP इस पर चुप रही.


बैठक जारी ही थी कि रमेश ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में जद (यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. वाईएसआर कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. अजीब बात रही कि तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे.'


BJP के सोशल मीडिया और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'सर्वदलीय बैठकों से जुड़े लोगों का एक खास औचित्य और 'प्रोटोकॉल' होता है. मीडिया ब्रीफिंग के बाद विचारों का स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान होता है. लेकिन जयराम रमेश की टाइमलाइन पर एक नज़र डालें तो ऐसा लगता है कि वह कार्यवाही को LIVE पोस्ट कर रहे थे.'


मालवीय ने भी 'X' पर लिखा- 'अगली बार, कांग्रेस को इन बैठकों के लिए किसी अधिक अनुभवी नेता को भेजने पर विचार करना चाहिए. ताकि दोबारा ऐसा न हो'. 


रमेश के पोस्ट का एक राजनीतिक मकसद यह था कि बैठक में शामिल सरकार के दो सहयोगी दलों की मांगों को सामने लाया जाए और सरकार को घेरा जाए.


विपक्ष ने किया रमेश का बचाव


इस एपिसोड पर एक विपक्षी नेता ने कहा कि रमेश ने जो किया वो गैर परंपरागत हो सकता है, लेकिन गलत नहीं है, क्योंकि बैठक में भाग लेने वाले कई सदस्य अक्सर मीडिया के सामने जाकर कुछ मुद्दों को उजागर करते हैं.