कश्मीरी पंडितों के मामले में राष्ट्रपति को भेजी गई याचिका, हुई SIT जांच की मांग
Kashmiri Pandits Genocide: मूवी द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का मुद्दा चर्चा विषय बना हुआ है. पीएम मोदी भी द कश्मीर फाइल्स मूवी की तारीफ कर चुके हैं.
नई दिल्ली: 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार (Kashmiri Pandits Genocide) के मामले की दोबारा जांच के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) के पास याचिका भेजी गई है. इस याचिका में कश्मीरी पंडितों के मामले की जांच के लिए एसआईटी (SIT) के गठन की मांग की गई है. दिल्ली के वकील विनीत जिंदल (Vineet Jindal) ने ये याचिका दाखिल की है.
चर्चा का विषय बना कश्मीरी पंडितों का मामला
बता दें कि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का मामला 'The Kashmir Files' मूवी के रिलीज होने के बाद लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. 'The Kashmir Files' मूवी बीते 11 मार्च को रिलीज हुई थी. 'The Kashmir Files' मूवी महज 7 दिन में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है और अब 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई घटना की दोबारा जांच करने की मांग वाली याचिका दायर की गई है.
ये भी पढ़ें- पंजाब में मंत्रियों का शपथ ग्रहण, जानिए मंत्रिमंडल में किस-किसको मिली जगह
विवेक अग्निहोत्री को मिली ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा
जान लें कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को शुक्रवार को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दे दी गई. 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सात से आठ कमांडो चौबीसों घंटे विवेक अग्निहोत्री की सुरक्षा करेंगे.
विपक्ष ने फिल्म को बताया एकतरफा
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य सरकारों ने या तो टैक्स में छूट की पेशकश करके या सरकारी कर्मचारियों को इसे देखने के लिए स्पेशल छुट्टी देकर फिल्म को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने का काम किया है. हालांकि विपक्ष ने फिल्म को एकतरफा और बेहद हिंसक करार दिया है.
ये भी पढ़ें- रूस से सस्ता तेल खरीदने की तैयारी में भारत! प्रतिबंधों पर सुनाई खरी-खरी
जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की सराहना की थी और कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए. बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फिल्म के बारे में विस्तार से बात की थी और आरोप लगाया था कि विभाजन और आपातकाल के दर्द को सामने लाते हुए अभी तक कोई फिल्म बनाने का प्रयास नहीं हुआ क्योंकि ‘सच्चाई को दबाने की’ लगातार कोशिश की गई.
LIVE TV